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राम मर्यादा व श्रीकृष्ण उल्लास के प्रतीक हैं : शास्त्री

स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित भागवत कथा सप्ताह में भागवत सुनने क

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 02:45 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 02:45 AM (IST)
राम मर्यादा व श्रीकृष्ण उल्लास के प्रतीक हैं : शास्त्री
राम मर्यादा व श्रीकृष्ण उल्लास के प्रतीक हैं : शास्त्री

जागरण संवाददाता, राजगांगपुर : स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित भागवत कथा सप्ताह में भागवत सुनने को बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। सुल्तानिया परिवार की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में श्री राम जन्म भूमि अयोध्या से आए गुरु राधेश्याम शास्त्री समेत छह कथा वाचक भागवत का मर्म लोगों को सुना रहे हैं।

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भागवत कथा के दौरान गुरु राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि भारतीय जीवन पद्धति की समग्र खोज एवं भारतीय संस्कृति का साक्षात्कार ही जीवन है और इस जीवन की पूर्णता के लिए कथा है। भागवत महापुराण और रामायण ने भारतीय जन मानस को अंतर्मन से प्रभावित किया है। श्री राम जीवन के आदर्श है और मर्यादा के प्रतीक हैं एवं भगवान श्री कृष्ण आनन्द उल्लास और सुख के प्रतीक हैं। शुक्रवार को उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उल्लेख किया। कहा कि श्री कृष्ण को अजन्मा कहा गया वो जन्म नहीं लेते, यही ईश्वर का सरलीकरण है। भक्तों के आग्रह में उन्होंने जन्म भी लिया है। प्रत्येक दिन दोपहर तीन से शाम सात बजे तक होने वाली भागवत कथा में राउरकेला, बीरमित्रपुर, राजगांगपुर समेत आसपास के अंचलों से भक्त जुट रहे हैं। यहां नेपाल के जनकपुर से हरद्वारी लाल ¨सघानिया, बेनी पट्टी बिहार से श्याम सुंदर सुल्तानिया सहित राजेश सुल्तानिया, परमेश्वर सुल्तानिया, राजू नथमल सुल्तानिया, अशोक, गोपाल, मनोज, ब्रजेश, गुलाब अग्रवाल समेत श्याम मित्र मंडल के सदस्य भागवत कथा सुनने पहुंचे हैं।


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