'ओडिशा में पैदा होना देवेंद्र का दुर्भाग्य'
जागरण संवाददाता, संबलपुर : भारतीय वायु सेना के हैलिकाप्टर दुर्घटना में मारे गए फ्लाइट इंजीनियर देवेंद्र पंडा की विधवा ज्योतिर्मयी पंडा ने अपने पति की मौत को शहीद जवानों के लिए असम्मान बताते हुए प्रशासन और सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि उनके पति का ओडिशा में पैदा होना दुर्भाग्य था। दुर्घटना में मारे गए अन्य छह जवानों को उनके प्रदेश से उचित सम्मान मिला, जबकि ओडिशा में उनके पति को सम्मान तो दूर, प्रशासन और सरकार की ओर से कोई आश्वासन भी नहीं मिला।
स्थानीय अईठापाली स्थित आवास में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फ्लाइट इंजीनियर देवेंद्र पंडा की विधवा ज्योतिर्मयी ने कहा कि उनके पति देश की सेवा के लिए वायुसेना में शामिल हुए थे और देश की खातिर अपनी जान गंवायी। गत 25 जुलाई को जब वायु सेना का हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उससे पहले उसके पति दवेंद्र पंडा ने हेलीकाप्टर में रखे समस्त गुप्त कागजातों को एक बैग में भरकर बाहर फेंक दिया था। ऐसे जांबाज फ्लाइट इंजीनियर को अपनी माटी में सम्मान नहीं मिला। अगर देवेंद्र पंडा ओडिशा के बजाय किसी अन्य प्रदेश में पैदा हुए होते तो निश्चित रूप से उन्हें उचित सम्मान दिया जाता। ज्योतिर्मयी के साथ उसकी सास माधवी पंडा, ससुर मानस रंजन पंडा और रिश्तेदारों ने भी प्रशासन और सरकार के रवैये पर अफसोस जताते हुए कहा कि अब तक सरकार की ओर से किसी तरह की सहायता करना तो दूर किसी ने फोन कर सांत्वना के दो बोल भी नहीं बोले हैं।