प्रशासन की संवेदनहीनता से देवेन्द्र के परिजन क्षुब्ध
जागरण संवाददाता, संबलपुर : खुद को जनता के दुख-दर्द का साथी बताने वाले प्रशासन और पुलिस के साथ यहां के जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता को लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। भारतीय वायु सेना के फ्लाइट इंजीनियर देवेंद्र पंडा के शोक संतप्त परिजनों ने इस रवैये को लज्जाजनक बताया है। स्व. पंडा का पार्थिव शरीर रविवार की शाम से सोमवार की सुबह तक संबलपुर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया लेकिन उनके अंतिम दर्शन के लिए यहां का कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि पहुंचा और न ही प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी। बताया गया है कि रविवार के दिन संबलपुर जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक जिला मुख्यालय में न होने की वजह से उनके स्थान पर अन्य अधिकारी अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे।
गौरतलब है कि गत 25 जुलाई की शाम उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में वायु सेना का एक हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसमें सवार समस्त सात लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में ओडिशा के फ्लाइट इंजीनियर देवेंद्र पंडा भी शामिल थे। स्वर्गीय पंडा का पार्थिव शरीर पहले रायपुर और फिर संबलपुर पहुंचा। रविवार की शाम स्थानीय अईठापाली स्थित दुर्लभ मंडप में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। लोग अंतिम दर्शन के लिए आते रहे लेकिन प्रशासन और पुलिस के कुछ अधिकारी देर रात अंतिम दर्शन करने पहुंचे। मृतक के मामा प्राणधन दास ने अफसोस जताया है कि देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले फ्लाइट इंजीनियर देवेंद्र पंडा को संबलपुर में विधिवत और उचित सम्मान नहीं मिला। अंतिम दर्शन के लिए पहुंचना तो दूर, किसी ने फोन पर शोक संतप्त परिवार को आश्वासन तक नहीं दिया। उन्होंने बताया कि देश के लिए शहीद जवान के प्रति ऐसी असम्मान गणतंत्र के लिए भी दुर्भाग्य जनक है।