भाई-बहन के रिश्तों की डोर बना डाक विभाग
भाई-बहन के पवित्र रिश्तों को जोड़ने का सिलसिला इस वर्ष भी जारी ह
कमलेश कुमार, राउरकेला: भाई-बहन के पवित्र रिश्तों को जोड़ने का सिलसिला इस वर्ष भी जारी है। हर साल राखी के टूटने-फूटने की शिकायतों के मद्देनजर इस बार डाक विभाग ने प्रोटेक्टिव लिफाफा लांच किया है। राउरकेला के मुख्य डाकघर सहित अन्य डाकघरों में राखी के लिए एक स्पेशल कवर लिफाफा मंगाया गया है। इसका नाम प्रोटेक्टिव कवर है। प्रोटेक्टिव कवर वाटरप्रूफ-टेंपरप्रूफ है। लिफाफे में राखी पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित पहुंच जाएगी। इसकी कीमत पांच रुपये रखी गयी है।
सात अगस्त को है रक्षाबंधन : रक्षाबंधन इस बार सावन के अंतिम सोमवार यानी 7 अगस्त को मनाया जाएगा। सावन की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई-बहन के प्यार, स्नेह को दर्शाता है। सभी धर्म-महजब से परे यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर धागा बांधती है जिसे राखी कहते है। अपने हाथ में राखी बंधवाकर भाई यह प्रतिज्ञा करता है कि वह अपनी बहन की सदैव रक्षा करेगा चाहे परिस्थिति कितनी ही विषम क्यों ना हो। राखी का धागा केवल रक्षा ही नहीं बल्कि प्रेम और निष्ठा से दिलों को भी जोड़ता है।
सज गई राखी की दुकानें : शहर में राखी की दुकानें पूरी तरह सज चुकी है। लोग राखी खरीदारी करने बाजारों में पहुंच रहे हैं। राउरकेला के मुख्य बाजार डेली मार्केट, लाल बि¨ल्डग, नाला रोड, ओल्ड टैक्सी स्टैंड, नया बाजार, बंडामुंडा, पानपोष, छेंड कॉलोनी स्थित बाजार, उदितनगर स्थित दुकानों में राखियां पूरी तरह सज चुकी है।
पोस्ट ऑफिस के जरिये भी भेजी जा रही राखी : जो भाई अपने बहन व परिवार से दूर हैं। उनकी बहनें अपने भाई के लिए पोस्ट ऑफिस के जरिये राखी भेजती हैं। फिलहाल राउरकेला के मुख्य डाकघर से अबतक 1000 से अधिक राखियां भेजी जा चुकी हैं। हर दिन बहनें पोस्टआफिस पहुंचकर स्पीडपोस्ट व सामान्य डाक से भाइयों को राखियां भेज रही है।
ब्राह्माण भी बांधते हैं लोगों की कलाई में राखी : रक्षाबंधन से जुड़ी कईं ऐसी कथाएं है जिनमें राखी बांधने वाली बहन नहीं बल्कि ब्राह्माण भी है। क्योंकि यह सूत्र, यह धागा एक रक्षासूत्र होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय देवों और असुरों के बीच युद्ध चल रहा था। इस युद्ध में देवों की निरंतर हार हो रही थी और इस बात से दुखी देवराज इंद्र गुरु बृहस्पति के पास परामर्श लेने गए। यहां इंद्र की पत्नी इन्द्राणी भी थी। इंद्र की व्यथा सुनकर इन्द्राणी ने उनसे कहा कि वे श्रावण मास की शुक्ल पूर्णिमा में विधि-विधानपूर्वक एक रक्षासूत्र तैयार करेंगी। इन्द्राणी ने इंद्र से वह रक्षासूत्र ब्राह्माणों से बंधवाने के लिए कहा और कहा कि उनकी अवश्य ही विजय होगी। और वाकई ऐसा करने पर देवताओं की विजय हुईं। तभी से ब्राह्माणों द्वारा रक्षासूत्र बंधवाने की यह प्रथा प्रचलित है। रक्षाबंधन का मंत्र : येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:,तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
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प्रोटेक्टिव कवर पिछले वर्ष से ही शुरू हो गया था। लेकिन लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण पिछले वर्ष लोग प्रोटेक्टिव कवर का इस्तेमाल नहीं किए। इस बार जितनी भी राखियां देश-विदेश सहित आसपास शहर भेजी जा रही हैं, वह प्रोटेक्टिव कवर में ही जा रही हैं। कवर में बंद राखी को पानी से कुछ नुकसान नहीं है।
- मृत्युजंय होता, मुख्य डाकघर राउरकेला
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रक्षाबंधन आगामी 07 अगस्त यानी सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार बहनें अपने भाई को राखी 10.30 बजे से एक बजे तक बांध सकती है। दोपहर एक बजे के बाद ग्रहण का सूतक लग जाएगा। इस कारण इसके बाद कोई भी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांध सकेगी।
युगलकिशोर झा, डीलक्स होटल गली ::::::