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गिट्टी खदान तालाब को पुनरुद्धार की दरकार

अशोक महतो, बिसरा: बिसरा ब्लाक के अंतर्गत डरइकेला पंचायत में बिसरा-जरइकेला मार्ग पर स्थित

By Edited By: Published: Tue, 24 May 2016 02:59 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 02:59 AM (IST)

अशोक महतो, बिसरा:

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बिसरा ब्लाक के अंतर्गत डरइकेला पंचायत में बिसरा-जरइकेला मार्ग पर स्थित गिट्टी खदान तालाब बिसरा एवं डरइकेला पंचायत के लोगों के पानी की जरूरत पूरी करता है। लेकिन गर्मी के दिनों में यहां पानी कम हो जाने से यहां पानी की किल्लत देखी जा रही है। जिससे इस तालाब का पुनरुद्धार करने की जरूरत महसूस हो रही है। इस तालाब का पुनरुद्धार करने से दोनों पंचायतों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इसके समेत इस तालाब का इस्तेमाल मछली पालन एवं ¨सचाई के लिए होने से यहां के लोगों की आर्थिक अभिवृद्धि भी हो सकेगी।

:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::30 वर्ष पूर्व बना था तालाब

बिसरा ब्लाक के डरइकेला पंचायत के डरइकेला में करीब 30 वर्ष पूर्व यह तालाब बना था। इस तालाब के पानी पर बिसरा पंचायत व डरइकेला पंचायत के लोग निर्भर हैं। शुरू में यहां का पानी नहाने-धोने के साथ-साथ पीने के भी काम आता था। इसके समेत यह तालाब बिसरा-जरइकेला मार्ग के किनारे पर होने से दोनों पंचायतों से मजदूरी करने के लिए बंडामुंडा, राउरकेला, कलुंगा आदि स्थानों पर जाने वाले श्रमिक वापस लौटने के दौरान इसी तालाब से मुंह-हाथ धोकर अथवा नहाने-धोने के बाद घर लौटते हैं। लेकिन समय बीतने के साथ तालाब की देखरेख के प्रति ध्यान न देने से इसकी हालत खराब होती जा रही है। जिससे लोगों को इस तालाब का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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छठ पूजा एवं टुसु पर्व पर जुटते हैं लोग

डरइकेला का यह तालाब परंपरा एवं संस्कृति का केंद्र भी है। खासकर छठ पूजा तथा टुसु पर्व के दिन यहां लोगों की भीड़ जुटती है। इस दौरान डरइकेला, बिसरा समेत आसपास के अंचलों से भी लोग यहां जुटते हैं। इन दोनों अवसरों पर इसकी सफाई भी की जाती है। लेकिन कुछ दिनों के बाद स्थित जस की तस हो जाती है।

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डरइकेला का यह तालाब बिसरा एवं डरइकेला पंचायत के लोगों की पानी की जरूरत पूरी करता है। इस तालाब में साल भर पर्याप्त पानी जमा रहे, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। इससे गर्मी के दिनों में भी खासकर नहाने-धोने के लिए पानी की किल्लत नहीं होगी।

बुधा ओराम

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बिसरा एवं डरइकेला पंचायत के अधिकांश ग्रामीण खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं। लेकिन किसी वर्ष पर्याप्त बारिश न होने से फसल को नुकसान पहुंचता है। यदि इस तालाब में पूरे वर्ष पानी जमा रहेगा तो इसका इस्तेमाल फसल को बचाने तथा साल के अन्य महीनों में सब्जी उगाने के लिए भी किया जा सकता है।

अनाम महतो

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यहां पर यह तालाब होने से आसपास स्थित कुआं व चापाकल में पानी का स्तर सामान्य रहता है। लेकिन गर्मी के दिनों में तालाब का पानी कम हो जाता है। जिससे इस तालाब को संरक्षित रखने का प्रयास होना चाहिए। ताकि यहां के लोगों को इसका लाभ मिले। इसके प्रति संबंधित अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों को ध्यान देने की जरूरत है।

आशीष भुईंया

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डरइकेला पंचायत से कई ग्रामीणों को रोजी-रोटी कमाने के लिए राउरकेला समेत आसपास के अंचलों में मजदूरी के लिए जाना पड़ता है। जिसमें कभी उन्हें काम मिलता है तो कभी नहीं मिलता। जिससे इस तालाब में मछली पालन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि यहां के कुछ ग्रामीणों के लिए स्व-रोजगार की व्यवस्था हो सके।

चिन्मय पाणिग्राही

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इस तालाब में शाम व रात के समय भी गर्मी के दिनों में लोग नहाने-धोने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अंधेरा की वजह से कोई अप्रिय घटना होने की आशंका भी होती है। इस तालाब के पास लाइट लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे रात के समय भी लोग इस तालाब का उपयोग बिना किसी डर के कर सकते हैं।

मुकेश ठाकुर

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वैसे तो इस तालाब में साल भर पानी रहता है। जिससे बिसरा व डरइकेला दोनों पंचायतों के लोग इस तालाब के पानी का इस्तेमाल नहाने-धोने व कपड़ा वगैह धोने के लिए करते हैं। लेकिन गर्मी के दिनों में यहां का पानी कम हो जाने से इस तालाब का ज्यादा लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पाता। जिससे इस तालाब का पुनरुद्धार कर यहां साल भर पानी जमा रहे, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।

राजेंद्र ¨सह


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