Move to Jagran APP

त्रिवेणी संगम में हुआ सामूहिक कालसर्प योग पूजन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा युक्त अमावस्या के अवसर पर मंगलव

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 07:03 PM (IST)
त्रिवेणी संगम में हुआ सामूहिक कालसर्प योग पूजन
त्रिवेणी संगम में हुआ सामूहिक कालसर्प योग पूजन

जागरण संवाददाता, राउरकेला :

loksabha election banner

हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा युक्त अमावस्या के अवसर पर मंगलवार को वेदव्यास त्रिवेणी संगम में सामूहिक कालसर्प योग पूजन किया गया। पंडित अरुण राज के सानिध्य में त्रिवेणी संगम स्थित शिवालय में विधि पूजन के जरिए कालसर्प दोष का निदान किया गया। पूजन कार्य में पंडित अरुण राज के साथ पंडित परमेश्वर पती, पंडित मानस रंजन पंडा, पंडित ज्ञानेश्वर, पंडित देवाशीष पंडा, पंडित कृष्णा पंडा ने सहयोग किया। पूजन कार्य में निदान कराने के लिए राउरकेला व ओडिशा के विभिन्न जिलों से लोग शामिल हुए। राहू एवं केतू ग्रह के मध्य बाकगी सभी ग्रहों के बैठ जाने से जन्म के समय किसी भी जातक की कुंडली में कालसर्प योग का दोष बनता है। जो 12 प्रकार से व 12 नाम से मुख्यत: होता है। इनमें अनन्त, कुलिक, बासुकी, शंखलाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक, शंखचूड, घातक, विषधर व शेषनाग शामिल है। कुंडली के 12 भावों को यह अलग अलग रूप से प्रभावित करता है व हानि पहुंचाता है। विधि पूजन द्वारा निदान सबसे मान्य व सरल है। बाकी विभिन्न प्रकार से कालसर्प योग का निदान किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.