बुखार उतारने को गरम सरिया से मासूम को दागा
जागरण संवाददाता, लहुणीपाड़ा : विज्ञान के युग में मनुष्य चांद की सैर कर वापस लौट आया है। अ
जागरण संवाददाता, लहुणीपाड़ा : विज्ञान के युग में मनुष्य चांद की सैर कर वापस लौट आया है। अब इंसान मंगल ग्रह पर बसने की तैयारी में है। लेकिन आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के लहुणीपाड़ा में अभी ऐसे कुछ लोग हैं जो अंधविश्वास की बेड़ियों में बुरी तरह जकड़े हुए हैं और दर्द का दवा समझते हैं। आठ महीने के मासूम बच्चे का बुखार उतारने के लिए उसे गरम सरिया से 100 बार दागा गया। दागने से मासूम की जब हालत बिगड़ी तो उसे इलाज के लिए लहुणीपाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना लहुणीपा़ड़ा ब्लॉक के रेंगालबेड़ा गांव की है। गांव के बुधु मुंडा का एक आठ महीने का बेटा है। बेटे को बुखार आने पर बुधु ने गांव के ही एक व्यक्ति की शरण ली। जो गरम सरिया से दागकर बुखार उतारने का दावा करता है। जब भी बुधु के बेटे को बुखार आया तो उसे गरम सरिया से दागा गया। इस क्रम में आठ माह के मासूम को 80 बार दागा गया। गुरुवार को भी मासूम को बुखार आने पर गरम सरिया से 20 बार दागा गया। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। इससे घबराये परिजनों ने मासूम को लहुणीपाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉ. मनोज ¨सह ने मासूम का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर की मानें तो मासूम की हालत चिंताजनक बनी हुई है। गौरतलब है कि इस अंचल में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता न होने से अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती है। बावजूद इसके ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासन समेत स्वयंसेवी संस्थाएं निष्क्रिय दिख रही हैं।
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लोगों को ऐसे टोटके इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। बच्चे की जान भी जा सकती है। बुखार आने पर सीधे अस्पताल आकर चिकित्सक से जांच करानी चाहिए। बच्चे की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।
डॉ. मनोज ¨सह
चिकित्सक, लहुणीपाड़ा स्वास्थ्य केंद्र