बोइत वंदान उत्सव पर नौका की बिक्री
जागरण संवाददाता, राउरकेला: शहर में राज्य की गौरवमयी सामुद्रिक वाणिज्यिक विरासत के प्रतीक स्वरूप बोईत
जागरण संवाददाता, राउरकेला: शहर में राज्य की गौरवमयी सामुद्रिक वाणिज्यिक विरासत के प्रतीक स्वरूप बोईत वंदान उत्सव मनाने को लेकर उल्लास व उमंग का माहौल है। इस गौरवशाली विरासत का स्मरण करने के लिए प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदियों व जलाशयों में बनावटी नौका प्रवाहित करने का प्रचलन है। बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा होने से शहर तथा आसपास के अंचलों में बनावटी नौका बेचने के लिए दुकानें लगी रही।
ओडिशा के व्यवसायी कई सदियों पूर्व यहां से कारोबार करने के लिए समुद्र मार्ग से जावा, सुमात्रा, बाली आदि देशों में जाते थे। राज्य की इस महान वाणिज्यिक विरासत का स्मरण करने के लिए राज्य में प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन बोईत वंदान उत्सव मनाया जाता है। जिसमें नदियों समेत अन्य जलाशयों में केले के तने से बने नौका समेत अन्य वस्तुओं से बनी बनावटी नौका प्रवाहित की जाती है। इसे लेकर शहर के मुख्य मार्ग से लेकर आमबागान, गजपति मार्केट, सेक्टर-18 मार्केट, एसटीआइ चौक, वेदव्यास आदि स्थानों पर बनावटी नौका बेचने के लिए दुकानें लगाई गई हैं। मंगलवार की शाम इन दुकानों पर यह नौका खरीदने के लिए लोगों की भीड़ देखी गई। शहर के विभिन्न घाटों में से वेदव्यास घाट, सेक्टर-16 डोंगा घाट, बासंती डीएवी तालाब, झीरपानी कोयल नदी घाट, सेक्टर-20 बैकुंठ घाट, हमीरपुर कोयल नदी घाट में कार्तिक पूर्णिमा को भोर से ही नौका प्रवाहित करने के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है।