शराब को नशीला बनाने स्प्रिट, सलफेट का हो रहा प्रयोग
जागरण संवाददाता, राउरकेला:
इस्पात नगरी राउरकेला में झारखंड तथा छत्तीसगढ़ की सीमा से भारी मात्रा में अवैध शराब लाई जाती है। यह शराब जहरीली होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। जिससे यहां पर कभी भी कटक शराब मृत्यु कांड की पुनरावृत्ति हो सकती है। इसके बाद भी यहां का पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना है।
आबकारी विभाग ने विगत दो दिनों में विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर सैकड़ों लीटर अवैध शराब जताई है। इनमें से अधिकांश शराब बिसरा, भालूलता समेत झारखंड सीमांचल के ओड़गां आदि गांवों में चल रही अवैध शराब भट्टी में बनने की पुष्टि आबकारी विभाग ने की है। इसके समेत सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर अंचल में छत्तीसगढ़ सीमांचल से अवैध शराब आती है। आबकारी इंस्पेक्टर मनोज सेठी ने इन अंचलों से सड़क तथा रेल मार्ग से शहर में लाई जाने वाली अवैध शराब जहरीली शराब होने की आशंका जताई है। इन अवैध भट्टियों में बनी एक लीटर अवैध शराब में नशा तेज करने के लिए भारी मात्रा में स्प्रिट, सलफेट आदि मिलाया जाता है। जिससे यह शराब लाने वाले अवैध शराब कारोबारियों द्वारा इसमें अतिरिक्त दो लीटर पानी मिलाकर बेचा जाता है। ताकि ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके। लेकिन यह शराब शरीर के लिए क्षतिकारक होने समेत मौत का कारण भी बन सकती है। जिससे यहां पर राज्य के कटक में 90 के दशक में शराब मृत्यु कांड की पुनरावृत्ति भी हो सकती है। जिसमें इस तरह की जहरीली शराब पीकर दर्जनों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लेकिन सीमांचल में कई पुलिस थाने होने तथा जीआरपी एवं आरपीएफ के जवानों के होते हुए भी यह अवैध शराब सड़़क तथा रेल मार्ग से होकर कैसे शहर में पहुंचती है, यह आश्चर्य का विषय बना है।