प्रभु श्रीराम ने चखे शबरी के जूठे बेर
जागरण संवाददाता, बड़गांव:
सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव में एतिहासिक रामलीला के आठवें दिन बुधवार की शाम पवनपुत्र हनुमान का प्रभु श्रीराम से मिलन तथा उनका शबरी के जूठे बेर चखने के प्रसंग का मंचन किया गया। इस अवसर पर रामलीला से जुड़े तीन वयोवृद्ध कलाकारों को सम्मानित भी किया गया।
सीता की खोज में जंगल में आए भगवान राम तथा उनके अनुज लक्ष्मण को बाली के डर से छिपकर बैठे सुग्रीव के साथ हनुमान ने देखा। जिससे उन्हें लगा था कि इन दोनों को बाली ने भेजा है। इसका पता लगाने हनुमान वहां पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वे भगवान श्रीराम हैं। जिससे राम भक्त हनुमान उनके चरणों पर लोट गए। जंगल में सीता को खोजते समय प्रभु श्रीराम द्वारा शबरी के जूठे बेर चखने तथा गउड़ राजा के उनसे मिलने के प्रसंग के मंचन ने भी दर्शकों को विभोर कर दिया। इसमें प्रभु राम की भूमिका में अभिलाष पाणिग्राही, हनुमान की भूमिका में कैलाश शर्मा, शबरी की भूमिका में डब्लू प्रधान तथा गउड़ राजा की भूमिका में सोनू पाणिग्राही ने अपने सुंदर अभिनय से दर्शकों को अंत समय तक बांधे रखा। इस अवसर पर रामलीला से जुड़े तीन वयोवृद्ध कलाकार जगदीश पाणिग्राही, नित्यानंद साहु तथा लंबोदर बेहरा को सम्मानित किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को शिक्षाविद् तथा सेवानिवृत्त प्राचार्य नित्यानंद मिश्र ने मानपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर तिरुपति बालाजी, भैरवी व गणेश आदि देवी-देवताओं की शोभायात्रा भी निकाली गई