नौका घाटों की सुरक्षा में गंभीर खामियां
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर : लखनपुर ब्लॉक के तिलिया से संबलपुर जाने के लिए सड़क मार्ग से
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर :
लखनपुर ब्लॉक के तिलिया से संबलपुर जाने के लिए सड़क मार्ग से बेलपहाड़, झारसुगुड़ा होते हुए 110 किलोमीटर का रास्ता तय करने के लिए प्राय: तीन घंटे का समय लगता है। लेकिन अगर नौका द्वारा जल मार्ग से संबलपुर जाया जाए तो एक घंटे में संबलपुर पहुंचा जा सकता है। सुविधा का उपयोग करते हुए यात्री ब्लॉक के विभिन्न पंचायतों में बने नौ नौका घाटों के माध्यम से गंतव्य तक जाने को श्रेयस्कर मानते हैं।
तिलिया पंचायत के तिहुरा तथा रंपेला घाट से सवार होकर यात्री संबलपुर जिले के तालाब पंचायत के मारंग घाट पहुंचते हैं एवं प्रशासन को इन घाटों की नीलामों से लाखों की आय होती है। इसी तरह उन्नीसखंड मौजा के कंडेईकेला पंचायत के महुलपाली घाट से यात्री बरगढ़ जिले के चिखली तथा छत्तीसगढ़ के सरिया तक की यात्रा करते हैं। रेमता पंचायत के महुदी घाट से छत्तीसगढ़ के शंकरा तथा सरघाघाट से छतादेई, भीखमपाली पंचायत के पदमपुर घाट से बरगढ़ जिले के जरीमूली घाट एवं पलसदा घाट से भी यात्री जरीमूली घाट एवं पलसदा घाट से भी यात्री जरीमूली घाट तक की यात्रा करते हैं। इन घाटों की नीलामी से संबंधित पंचायतों को अच्छी खासी आमदनी होने के बावजूद यात्रियों की सुरक्षा के प्रति कोई भी आवश्यक कदम नहीं उठाया जाता। दो वर्ष पूर्व हीराकुद जलभंडार में हुई भयावह नौका दुर्घटना के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था को कड़ाई से लागू न करना अत्यंत ¨चता का विषय है। इन नौका घाटों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट तथा ट्यूब का व्यवहार भी नहीं किया जाता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए बने कड़े नियमों एवं समय समय पर विभिन्न स्तरों पर इनकी समीक्षा के बावजूद संबंधित ठेकेदारों द्वारा इन नियमों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया जाता है एवं यात्रियों को भगवान भरोसा नौका यात्रा करने को बाध्य होना पड़ता है।