फिर उठी ओडिशा से अलग होने की मांग
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर : जिले के लखनपुर के उन्नसी खंड मौजा से एक बार फिर 16 वर्षों बाद ओडिशा
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर :
जिले के लखनपुर के उन्नसी खंड मौजा से एक बार फिर 16 वर्षों बाद ओडिशा से अलग होकर छत्तीसगढ़ में शामिल होने की मांग उठी है। शुक्रवार को कंडेईकेला के शिव मंदिर परिसर में आयोजित एक बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकारी निरंतर अवहेलना झेल रहे इस इलाके की चार पंचायतों को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में शामिल करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आगामी बरगढ़ दौरे के दौरान करने का निर्णय लिया गया।
इन चार पंचायतों में पि¨थडा, चारपाली, कंडेईकेला तथा रेमता पंचायत शामिल है। इस बैठक में छबिल सा, जनार्दन पंडा, सुरेंद्र प्रधान, जन्मेजय साहु, कैलाश पुजारी, शेखर बिस्वाल, श्यामसुंदर सा आदि सैकड़ों महिला पुरुष शामिल हुए। जिला मुख्यालय से करीब एक सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इन पंचायतों के निवासी हिराकुद जलभंडार के लिए अपनी जमीन खो चुके हैं एवं इन विस्थापितों की नजर के सामने हिराकुद का विशाल जल भंडार होते हुए भी ये लोग सरकारी अवहेलना की वजह से इस पानी का व्यवहार करने से वंचित है। 1960 से इलाकेवासी हिराकुद जल भंडार से खेती के लिए पानी की व्यवस्था करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। महूलपाली में एक बड़े ¨सचाई प्रकल्प का शिलान्यास तो हुआ लेकिन इसका काम शुरू होने में न जाने कितने वर्ष लगेंगे। 112 करोड़ की लात से महुलपाली चिखली के बीच बनने वाले पुल का शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा दो वर्ष पूर्व किया गया था लेकिन काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। इसी प्रकार चांटीपाली में स्वास्थ्यकेंद्र हैं पर उसमें डाक्टर नहीं रहता। इलाके में न सेवाश्रम स्कूल है न ही कोई महाविद्यालय है। इलाके में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा चुकी है अत: आगामी 21 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बरगढ़ दौरे के दौरान चार पंचायतों को छत्तीसगढ़ में मिलाने की मांग करने का निर्णय लिया। ज्ञात हो कि यह इलाका अतीत में मध्यप्रदेश के बिलासपुर में था।