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फारेस्टर नियुक्ति परीक्षा में अनियमितता का आरोप

जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा केंदुपत्ता डिवीजन में फारेस्टर पद के लिए परीक्षा व चयन में

By Edited By: Published: Mon, 20 Apr 2015 07:15 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2015 07:15 PM (IST)

जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा :

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झारसुगुड़ा केंदुपत्ता डिवीजन में फारेस्टर पद के लिए परीक्षा व चयन में व्यापक अनियमितता होने का आरोप परीक्षार्थियों ने लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं। मंगलवार से अपने पूर्ण निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिलाधीश कार्यालय के समक्ष अपनी मांग के समर्थन में धरना आरंभ किया।

परीक्षार्थियों द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार गत 14 जनवरी को फारेस्टर पद के लिए चयन प्रक्रिया आरंभ की गई थी, जिसमें सर्व प्रथम डीएवी पब्लिक स्कूल में लिखित परीक्षा हुई थी। इसके बाद 14 फरवरी को साइकल चालन, 13 फरवरी को 24 किलो मीटर तक पैदल रेस व 18 मार्च को शारीरिक परीक्षा हुई थी। सभी परीक्षा में खुलेआम व्यापक अनियमितता हुई थी का आरोप परीक्षार्थियों ने लगाया था मगर इसका किसी ने नहीं सुनी और मनमर्जी से आठ लोगों को फारेस्ट पद पर नियुक्ति भी दे दी गई थी। परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को बिना वजह अनदेखा किया गया। इस संबंध में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को बिना वजह अनदेखा किया गया। इस संबंध में केंदुपत्ता डिवीजन के डीएफओ व विभाग के उच्च अधिकारी, जिलाधीश आदि से भी शिकायत की गई थी मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अत: बाध्य होकर परीक्षार्थियों को धरने पर बैठना पड़ा। धरने पर बैठे परीक्षार्थियों की मांग है कि मामले की जांच विजिलेंस से करने कि मांग को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को अपना पांच सुत्री मांगपत्र भेजा है। धरने पर बैठने वाले परीक्षार्थियों में पिंकी प्रधान, डी. बेहेरा, के. शा, जे. देहुरी, बी. बानी, एस नायक, ¨रकी प्रधान, मनोज बढ़ई, सुब्रत पटेल व डी बेहेरा आदि शामिल है।


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