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'शिक्षा का व्यवसायीकरण अशुभ संकेत'

जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : आज पूरे देश में शिक्षा व्यवसाय का रूप ले रही है, जो कि समाज के लिए अशु

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 05:15 PM (IST)
'शिक्षा का व्यवसायीकरण अशुभ संकेत'

जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : आज पूरे देश में शिक्षा व्यवसाय का रूप ले रही है, जो कि समाज के लिए अशुभ संकेत है। शिक्षा से समाज का भला होना चाहिए न कि समाज का पतन। सरस्वती शिशु मंदिर ने शिक्षा के क्षेत्र में आज पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह बात पूर्व सांसद सुरेन्द्र लाट ने कही। वे सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (हिन्दी विभाग) के 28वें वार्षिकोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

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मुख्य वक्ता शिक्षा विकास समिति के पश्चिम ओडिशा प्रमुख रामचंद्र दंडसेना ने कहा कि शिक्षा मनुष्य को चैतन्य व समर्थ बनाती है। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि विद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश बेंदिया, संस्थापक सचिव दिनेश जैन, जिला शिक्षा अधिकारी विकास प्रधान, परिचालना समिति के अध्यक्ष विनोद केजरीवाल व सचिव सुभाष संघई ने भी समारोह को संबोधित किया। विद्यालय के प्रिसिंपल बाबूलाल ने अतिथियों का परिचय प्रदान किया, स्वागत भाषण दिया और अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य सुधीर झा ने किया। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वागत नृत्य, ओडिशी, गणेश वंदना, संबलपुरी नृत्य, गुजराती नृत्य, देशभक्ति नृत्य, हिन्दी नाटक व छत्तीसगढ़ी नृत्य आदि प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।


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