सांपों का साथी अमूल्य
झारसुगुड़ा : किसी के घर में जब भी सांप निकलता है तो सबसे पहले लोगों को फौरन अमूल्य की याद आती है। उसे
झारसुगुड़ा : किसी के घर में जब भी सांप निकलता है तो सबसे पहले लोगों को फौरन अमूल्य की याद आती है। उसे बुलाये जाने पर वह तुरंत वहां पहुंच कर सांप को पकड़ कर उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता है। इस काम के लिये वह किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक की मांग भी नहीं करता है।
दुर्लगा के भुंडाडिपा गांव का रहने वाला अमूल्य नायक 60 को सभी लोग सांपों के साथी के रूप में जानते हैं। अमूल्य ने बताया कि गत 30 वर्षो से सांपों को पकड़ कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता है। अमूल्य सांप पकड़ने के साथ सांप से डंसे गए व्यक्तियों को बचाने की कोशिश करता है। वह आज तक कितने सांप पकड़ चुका है उसे स्वयं पता नहीं है। ना ही कितने को बचाया है उसका भी कोई हिसाब वह नहीं रखता। खेतीबाड़ी कर अपना गुजारा करने वाले गरीब अमूल्य को झारसुगुड़ा शहर के लोग अच्छी तरह से सांप पकड़ने वाले के रूप में जानते हैं। अमूल्य के अनुसार उसे भी लोगों की सेवा करने व सांप को सुरक्षित रखने के कार्य में काफी आत्मसंतोष मिलता है।