सावधानी से ही बचा जा सकता मौसमी बीमारियों से
बरसाती मौसम में डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस, खतरनाक मलेरिया (प्लाजमोडियम फॉल्सिपेरम), टाइफाइड सहित सात तरह के बुखार का खतरा काफी बढ़ा है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बारिश के प्रकोप के बीच बीमारियों ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस मौसम में कई प्रकार के बुखार लोगों को अपनी चपेट में ले रहे है। सरकारी-गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बरसाती मौसम में बीमारियों से बचने के बारे में चिकित्सकों की सलाह है कि सावधानी बरत कर ही ऐसी बीमारियों से पीडि़त होने से बचा जा सकता है।
बरसाती मौसम में डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस, खतरनाक मलेरिया (प्लाजमोडियम फॉल्सिपेरम), टाइफाइड सहित सात तरह के बुखार का खतरा काफी बढ़ा है। अस्पतालों में आ रहे अधिकांश मरीज किसी न किसी बुखार से पीडि़त पाए जा रहे है। डेंगू का डर सबसेज्यादा सता रहा है। मलेरिया की मार भी कुछ कम नहीं है।
वाणी विहार के राकेश सिंह ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से बुखार से पीडि़त है। शुरुआती इलाज घर पर कराया कोई फायदा नहीं हुआ । आज ही अस्पताल से दवा लेकर आए है। कटक के रमेश जेना को आशंका है कि उनके भतीजे को कहीं डेंगू तो नहीं हो गया है। इसके निवारण के लिए खून की भी जांच कराई गई है।
वहीं इनफोसिट इलाके सुभाष स्वाईं यह कहते मिले की बरसात आई है तो बीमारी लाएगी ही। जरूरत इस बात की है कि स्वास्थ्य विभाग और नगरपालिका इन बरसाती बीमारियों की रोक थाम को प्रभावी कदम उठाए, ताकि राजधानी को मौसमी बीमारियों से बचाया जा सके।
डेंगू
कारण : एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह दिन में काटता है।
लक्षण : तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर लाल चकते, सिर दर्द, प्लेटलेट्स का लगातार कम होना।
सामान्य मलेरिया (प्लाजमोडियम वाइवैक्स)
कारण : मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है।
लक्षण : तेज ठंड के साथ बुखार व शरीर में दर्द।
प्लाजमोडियम फॉल्सिपेरम (खतरनाक मलेरिया)
कारण : मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है।
लक्षण : तेज बुखार, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, उल्टी महसूस होना।
टाइफाइड
कारण : साल्मोनेला-टायफी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह दूषित भोजन से शरीर में पहुंचता है।
लक्षण : कुछ अंतराल पर तेज बुखार एवं पेट व शरीर में दर्द।
जापानी इंसेफ्लाइटिस
कारण : क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है। यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
लक्षण : अचानक तेज बुखार आना और बने रहना। शरीर में जकडऩ, चमकी व ऐंठन। बच्चे का सुस्त होना व बेहोश होना।
सामान्य वायरल बुखार
कारण : जाने-अनजाने पीडि़त के संपर्क में आने व मौसम में बदलाव से।
लक्षण : तेज बुखार व शरीर में दर्द।
हेपाटाइटिस-ए
कारण : दूषित खानपान की वजह से यह बीमारी होती है।
लक्षण : तेज बुखार, थकावट आदि। बरसात के मौसम में इस तरह की बीमारियां आम है। चिकित्सक तो इलाज करते ही है, लोगों को भी खुद सावधानी बरतने की आवश्यक्ता है। ऐसा करने से हम इस पर काफी हद तक काबू पा लेंगे।
डॉ. श्याम कुमार झा
इन दिनों आम तौर पर तेज बुखार की शिकायत के साथ मरीज आ रहे हैं।जांच में सात तरह के बुखार सामने आ रहे हैं। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है।
डॉ. शुभोजित बनजी
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