भाई-बहन संग मौसीबाड़ी पहुंचे भगवान जगन्नाथ
सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच भक्तों ने रथों को खींच कर दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर गुडि़ंचा मंदिर के सम्मुख शरधा बाली पहुंचाया।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ सोमवार को मौसी के घर पहुंच गए। बारिश के बावजूद लाखों की संख्या में भक्त श्रीक्षेत्र धाम पुरी में भगवान के दर्शन व उनके नंदीघोष रथ को खींचने के लिए जमे रहे।
रविवार रथयात्रा के बाद बड़दांड में खड़े रथों को गुडिंचा मंदिर की ओर ले जाने की प्रक्रिया सुबह आरंभ हुई। सुबह से ही पुरी में बारिश हो रही थी बावजूद इसके भक्तों की भीड़ में कमी नहीं आई और भक्तों ने हर्षोल्लास से महाप्रभु, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के रथों को खींच परमानंद का अनुभव किया। तेज बारिश की बौछारों के बावजूद रथ खींचने के लिए भक्तों का सैलाब सा दिख रहा था। हरि बोल, जय जगन्नाथ के उदघोष से पूरा बड़दांड गुंजायमान रहा। रविवार को रथयात्रा में भीड़ के कारण भगवान के दर्शन व रथ खींचने की लालसा लेकर पुरी आए भक्तों
की मनोकामना को भगवान ने सोमवार को पूर्ण कर दिया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच भक्तों ने रथों को खींच कर दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर गुडि़ंचा मंदिर के सम्मुख शरधा बाली पहुंचाया। यहां पूरे दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा अपने-अपने रथों पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद भगवान भाई बहन संगमौसीबाड़ी में विश्राम करेंगे।
सामाजिक संगठनों ने की जगन्नाथ भक्तों की सेवा:
महाप्रभु श्री जगन्नाथ की पवित्र रथयात्रा में महाप्रभु के दर्शन को देश-दुनिया से लाखों भक्तों का जमावड़ा होता है। भगवान के भक्तों को कोई असुविधा न हो तथा मानव सेवा ही माधव सेवा मानकर श्रीक्षेत्र धाम में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भक्तों की सेवा की जाती है। रविवार को भी हर साल की तरह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 500 से अधिक स्वयं सेवक बड़दांड में पूरी मुस्तैदी से भक्तों की सेवा करते देखे गए। इन स्वयंसेवकों ने कुल नौ प्रकार की सेवाओं की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। इनमें मुख्य रूप से एंबुलेंस के जरिये बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने, भक्तों पर पानी छिड़कने, प्यासों को पानी पिलाने, भटके हुए पथिकों को रास्ता बताने जैसे कार्य शामिल थे।
वहीं कटक मारवाड़ी युवा मंच की ओर से श्रीक्षेत्र धाम बड़दांड के किनारे सैकड़ों भक्तों को भोजन करवाया गया। इसमें मंच के पदाधिकारी कार्यकर्ता सक्रिय रहे। हिंदी विकास मंच की तरफ से भी जगन्नाथ भक्तों की सेवा की गई। अन्य कई सामाजिक संगठनों के अलावा विभिन्न कंपनियों की ओर से भी रथयात्रा के दौरान सेवा शिविर लगाए गए थे।