आमरण अनशन पर बैठे ठगी के शिकार छात्र
शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय के अधीन संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय के अधीन संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइटीईआर) कॉलेज के छात्रों के साथ प्लेसमेंट में ठगी का मामला सुलझने के बजाय उलझता ही जा रहा है। बीते गुरुवार को कॉलेज गेट पर प्रदर्शन कर रहे प्रभावित छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जिसके बाद ठगी के शिकार सभी 50 छात्रों ने वहीं पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अशांति की आशंका के मद्देनजर कॉलेज में तीन प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है।
गुरुवार को अपराह्न में एक बार फिर कॉलेज प्रबंधन, छात्रों व अभिभावकों की बैठक हुई लेकिन मैनेजमेंट ने मसले का ठोस हल निकालने के बजाय ठंडा रवैया अपनाए रखा। इससे छात्र भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ता देख वहां तैनात पुलिस बल ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे मामला और बिगड़ गया तथा प्रभावित सभी छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए।
छात्रों का आरोप है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किए जाने के बाद अब उन पर बल प्रयोग किया जा रहा है। शुक्रवार को भी विवि परिसर में उत्तेजना का माहौल बना हुआ था।
प्रबंधन ने 31 मई तक का दिया समय : कॉलेज की ओर से फेक प्लेसमेंट के शिकार हुए छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए ऑफर पर निर्णय लेने के लिए 31 मई तक का समय दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ठगी के शिकार हुए छात्रों को मुफ्त में एमटेक करने अथवा 20 हजार रुपये मासिक वेतन पर शिक्षादान करने का ऑफर दिया है।
सरकार की चुप्पी पर सवाल : शिक्षा ओ अनुसंधान विवि में छात्र अशांति का दौर है तब सरकार की चुप्पी सभी के लिए चौंकानेवाली है। मामले को सामने आए तीन दिन हो गए है। दो दिन से कॉलेज के सामने छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से इस संवेदनशील मुद्दे पर कुछ भी न कहा जाना बुद्धिजीवियों को नागवार गुजर रहा है। मामले की होगी जांच : पुलिस कमिश्नर वाइबी खुरानिया ने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की जमीनी तौर पर जाँच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।