धान के समर्थन मूल्य को लेकर प्रधानमंत्री से मिलेगी गृह कमेटी
-विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई कमेटी की पहली बैठक, कृषि विभाग तैयार कर रहा मांगप
-विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई कमेटी की पहली बैठक, कृषि विभाग तैयार कर रहा मांगपत्र
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2930 रुपये करने की मांग को लेकर जल्द ही ओडिशा सरकार की गृह कमेटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगी। यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष निरंजन पुजारी की अध्यक्षता में आयोजित गृह कमेटी की बैठक में बुधवार को लिया गया। कमेटी 31 मई से पूर्व पीएमओ से अनुमति लेने पर विचार कर रही है। कमेटी ने धान के समर्थन मूल्य का प्रस्ताव तैयार करने का दायित्व कृषि विभाग को सौंपा है। वहीं गृह कमेटी की बैठक में भाजपा विधायक दल के नेता कनक वर्द्धन ¨सहदेव एवं विधायक विभूति भूषण हरिचंदन की अनुपस्थिति पर बीजद एवं कांग्रेस ने नाराजगी व्यक्त की है। भाजपा की तरफ से इस पर कोई मत नहीं दिया गया है।
ध्यान रहे कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2930 रुपये निर्धारित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में गृह कमेटी का गठन किया गया था।
बुधवार को बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि जून अथवा जुलाई में धान का समर्थन मूल्य निर्धारित होता है। इससे पहले कमेटी ने अपनी मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री के समय देने के बाद कमेटी उनसे मिलकर धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग करेगी। इसके लिए मांगपत्र तैयार किया जाएगा। कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने बताया कि धान का समर्थन मूल्य वर्तमान में 1470 रुपये है। लेकिन वर्ष 2016-17 में ही प्रति क्विंटल धान के लिए 2344 रुपये खर्च हुए है। इसे ध्यान में रखकर विधानसभा में धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2930 रुपये निर्धारित किया गया है। धान की कीमत बढ़ाने की क्या जरूरत है, उसे साबित करने के लिए खाद्य आपूíत विभाग की मदद से एक सप्ताह के अन्दर कृषि विभाग की तरफ से एक मांगपत्र तैयार किया जाएगा। उसी मांगपत्र के आधार पर अगली बैठक में चर्चा की होगी। विरोधी दल नेता नर¨सह मिश्र ने कहा है कि पिछले आम चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया था कि धान के समर्थन मूल्य को खर्च का डेढ़ गुणा बढ़ाया जाएगा। उसी आधार पर राज्य की तरफ से प्रधानमंत्री के पास अपनी मांग रखने का निर्णय लिया गया है।