नाइजीरिया: उपराष्ट्रपति ने की डिफेंस कॉलेज में कौटिल्य नीति की चर्चा
उपराष्ट्रपति ने बुधवार को यहां नेशनल डिफेंस कॉलेज में 'सुरक्षा के समक्ष उभरते खतरे' पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कौटिल्य के उस विचार का उल्लेख किया
राजीव सचान, अबुजा। शासन से संबंधित विषयों पर कौटिल्य के विचार आज भी प्रभावी हैं और दुनिया को उन पर विचार करना चाहिए। यह जरूरत नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में तब रेखांकित हुई जब उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने संबोधन की शुरुआत इस महान चिंतक के एक कथन से की।
उपराष्ट्रपति ने बुधवार को यहां नेशनल डिफेंस कॉलेज में 'सुरक्षा के समक्ष उभरते खतरे' पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कौटिल्य के उस विचार का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने किसी देश की सुरक्षा के सम्मुख चार तरह के खतरे बताए थे और आंतरिक खतरे से सबसे पहले मुक्त होने की बात कही थी।
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भारत के सहयोग से संचालित नाइजीरिया के नेशनल डिफेंस कॉलेज में भाषण के दौरान उपराष्ट्रपति ने अमर्त्य सेन और कोफी अन्नान के विचारों का भी हवाला दिया। अपने संबोधन के अंत में भी उन्होंने कौटिल्य का उल्लेख किया। हामिद अंसारी ने कहा, आज दुनिया का कोई देश आतंकवाद से अछूता नहीं है। आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही परास्त किया जा सकता है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि आतंकी आतंकी होता है वह अच्छा या बुरा नहीं होता।
रक्षा क्षेत्र में नाइजीरिया के प्रति भारत के हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए भारतीय उपराष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश आतंक से पीडि़त हैं और एक जैसी चुनौती का सामना कर रहे हैं। आतंकी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए हमें एक-दूसरे से खुफिया सूचनाएं साझा करने की जरूरत है।
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