नाभिकीय दायित्व समझौते पर समर्थन का अमेरिका ने किया स्वागत
अमेरिका ने सीएससी (कंवेंशन ऑन सप्लीमेंट्री कम्पंशेसन या नाभिकीय दुर्घटना क्षतिपूर्ति दायित्व पर वैश्विक समझौते) की पुष्टि के भारत के फैसले का स्वागत किया है।
वाशिंगटन । अमेरिका ने सीएससी (कंवेंशन ऑन सप्लीमेंट्री कम्पंशेसन या नाभिकीय दुर्घटना क्षतिपूर्ति दायित्व पर वैश्विक समझौते) की पुष्टि के भारत के फैसले का स्वागत किया है। अमेरिका ने इसे महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा है कि इससे भारत में नाभिकीय रिएक्टरों के निर्माण में अमेरिकी कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चत हो सकेगी।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्वी ने कहा कि भारत के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के न्यूक्लियर सेफ्टी एक्शन प्लान के तहत वैश्विक नाभिकीय उत्तरदायित्व व्यवस्था स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी। भारत और अमेरिका के बीच नागरिक परमाणु समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय अमेरिकी विशेषज्ञ विजय सजवाल ने भी भारत के इस कदम को मील का पत्थर करार दिया है।
उन्होंने बिना किसी कंपनी का नाम लिए कहा कि अब अमेरिकी कंपनियां नाभिकीय समझौते पर अंतिम मुहर लगाने में समर्थ होंगी। जिससे भारत में कम से कम 12 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। बता दें कि भारत ने गुरुवार को नाभिकीय उत्तरदायित्व मसले पर उठे विवादों और आपूर्तिकर्ताओं की चिंताओं पर विराम लगाते हुए सीएससी की पुष्टि कर दी थी।