ब्रिटेन चुनाव: वोटों की गिनती जारी, पीएम थेरेसा मे को लग सकता है झटका
गुरुवार को ब्रिटेन की कुल 650 सीटों के लिए मतदान हुआ। इसके लिए 3,300 उम्मीदवार मैदान में थे। ब्रिटेन में करीब 4.58 करोड़ वोटर्स हैं।
नई दिल्ली, एएफपी। ब्रिटेन में हुए आम चुनाव के लिए मतगणना जारी है। लेबर पार्टी के खाते में 232 सीटें आ चुकी हैं। इसी के साथ पार्टी ने 2015 का आंकड़ा पार कर लिया है। अभी तक आए नतीजों और रुझानों में मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी, टरीजा मे की अगुआई वाली सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी को बड़ा झटका दे बढ़त बनाए हुए है। लेबर पार्टी के खाते में 232 सीटें आ चुकी हैं। इसी के साथ पार्टी ने 2015 का आंकड़ा पार कर लिया है। ब्रिटेन में ये चुनाव समय से तीन साल पहले कराए गए हैं।
ऐसा लग रहा है कि आम चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री थेरेसा मे के लिए निराशाजनक हो सकते हैं। ऐसा लग रही है कि किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। अभी तक आए नतीजों के अनुसार प्रधानमंत्री टेरीजा मे मेडेनहेड सीट से चुनाव जीत चुकी हैं। वहीं लिबरल डेमोक्रेट सांसद और पूर्व उप-प्रधानमंत्री निक क्लेग लेबर पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गए हैं। मतगणना से पहले एग्जिट पोल्स में अनुमान जताया गया है कि टेरीजा मे की कंजरवेटिव पार्टी अपना बहुमत खो सकती है। हालांकि टेरीजा मे ने चुनाव से पहले जनता से अपील की थी कि उनकी पार्टी को फिर से बहुमत दिया जाए, ताकि वह देश की सेवा कर सकें।
हालांकि एग्जिट पोल्स कहते हैं कि कंजरवेटिव पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। वहीं मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी को इस चुनाव से बड़ा फायदा हो सकता है। एग्जिट पोल्स और शुरुआती नतीजों को देखते हुए लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन, थेरेसा मे से इस्तीफा मांग चुके हैं। थेरेसा मे ने ये चुनाव समय से पहले करवाए थे, ताकि वो संसद में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें। एग्जिट पोल के मुताबिक, कंजरवेटिव पार्टी को 314 के आसपास और लेबर पार्टी को 229 के लगभग सीटें मिल सकती हैं।
इसलिए पहले कराए गए चुनाव
गुरुवार को ब्रिटेन की कुल 650 सीटों के लिए मतदान हुआ। इसके लिए 3,300 उम्मीदवार मैदान में थे। ब्रिटेन में करीब 4.58 करोड़ वोटर्स हैं। बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 326 सीटें जीतनी होती हैं। ब्रिटेन में ये चुनाव समय से तीन साल पहले कराए गए हैं। संसद का कार्यकाल पांच साल का होता है। ब्रिटेन में पिछला चुनाव साल 2015 में हुआ था। पिछले साल ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने (ब्रेक्जिट) को लेकर हुए जनमत संग्रह में जनता ने यूरोपीय संघ छोड़ने को बहुमत दिया था।
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