पीएम मोदी के दखल के बाद बांग्लादेश ने भारत को सौंपा उल्फा नेता अनूप चेतिया
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम’ (उल्फा) के नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने बुधवार को भारत को सौंप दिया है। असम में सक्रिय चेतिया करीब 18 साल पहले बांग्लादेश ने फर्जी पासपोर्ट के मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद था।
नई दिल्ली। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम’ (उल्फा) के नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने बुधवार को भारत को सौंप दिया है। असम में सक्रिय चेतिया करीब 18 साल पहले बांग्लादेश ने फर्जी पासपोर्ट के मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद था।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी के दखल पर चेतिया को भारत के हवाले किया गया है। चेतिया बांग्लादेश में अपनी सजा पूरी कर चुका है। कड़ी सुरक्षा के बीच चेतिया को आज दिल्ली लाया जा सकता है। इसके बाद इसे असम पुलिस के हवाले सौंपा जा सकता है।
इस बीच, पीएमओ की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को आतंकवाद से लड़ने में मदद के लिए धन्यवाद किया है।
वहीं, गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने अनूप चेतिया को सौंपे जाने के मसले को बड़ी कामयाबी बताया। उनके मुताबिक, सेतिया के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी और असम पुलिस जांच करेगी।
गौरतलब है कि चेतिया को ढाका में 21 दिसंबर, 1997 को गिरफ्तार किया गया था। तब से चेतिया बांग्लादेश की जेल में बंद था।
आतंकवाद के खिलाफ बांग्लादेश की अहम पहल
बांग्लादेश सरकार के इस फैसले को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का बड़ा सहयोग माना जा रहा है।
दरअसल, पकड़े जाने के बाद बांग्लादेश की अदालत ने चेतिया को सात साल कैद की सजा सुनाई थी।
प्रत्यर्पण संधि के अभाव में भारत सरकार उसे अपने देश लाने में अक्षम थी। इसका फायदा उठाते हुए चेटिया ने तीन बार (2005, 2008 और 2011) राजनीतिक शरण मांगी। यही कारण है कि सजा पूरी होने के बाद भी वह जेल में ही रहा। हालांकि शेख हसीना सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान में भारत सरकार की मदद की और अब चेटिया को भारत के हवाले कर दिया गया।