सरकार बचाने को टेरीजा मे ने दिए उत्तरी आयरलैंड को एक अरब पाउंड
समझौते के तहत डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट 650 सदस्यीय सदन में दो साल तक टेरीजा मे के साथ तकरीबन हर मसले पर साथ खड़ा दिखेगा।
लंदन, रायटर। चुनाव जल्द कराकर फिर बहुमत से सरकार बनाने का सपना संजोए बैठी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री को नतीजों ने करारा झटका दिया, लेकिन अब वह सरकार को स्थिर करने की राह की तरफ मजबूती से कदम आगे बढ़ा रही हैं। इसके लिए उन्होंने उत्तरी आयरलैंड के मजबूत दल डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट से करार किया है। इस के तहत ब्रिटिश प्रधानमंत्री को दस सांसदों का समर्थन मिलेगा जबकि उन्हें उत्तरी आयरलैंड को एक अरब पाउंड का अतिरिक्त बजट देना होगा।
समझौते के तहत डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट 650 सदस्यीय सदन में दो साल तक टेरीजा मे के साथ तकरीबन हर मसले पर साथ खड़ा दिखेगा। हालांकि डाउनिंग स्ट्रीट में करार करते समय कंजरवेटिव पार्टी ने कहा कि करार पांच साल के लिए है, लेकिन दूसरी तरफ उत्तरी आयरलैंड के दल ने कहा कि यह सहायता दो साल के लिए है। उसके बाद करार की फिर से समीक्षा की जाएगी। टेरीजा मे ने कहा कि ब्रिटेन के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए यह समझौता बेहद जरूरी है। समझौता बैठक की अध्यक्षता खुद टेरीजा मे के साथ यूनियनिस्ट के अर्लेन फास्टर ने की। करार पर दस्तखत जेफ्री डोनाल्डसन व गेविन विलियम्स ने किए। टेरीजा ने कहा कि वार्ता ऐसे समय में सिरे चढ़ी है जब हम यूरोपियन यूनियन से बाहर आकर नया समाज बनाने की राह पर हैं। अर्लेन फास्टर ने कहा कि इससे सरकार को मजबूती मिलेगी और वह खुलकर फैसले ले सकेगी।
सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच बातचीत पिछले दो सप्ताह से चल रही थी। उधर, विपक्षी दलों को यह समझौैता रास नहीं आया है। वह इसे खरीद फरोख्त की राजनीति करार दे रहे हैं तो उन्हें यह भी लगता है कि 1998 में आयरलैंड में हुए शांति समझौते के मसौदे पर भी इससे असर पड़ने वाला है। उनकी राय से टेरीजा की अपनी पार्टी के कुछ नेता भी इत्तेफाक रखते हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। यूरोपियन यूनियन से बाहर आने के उनके फैसले की समीक्षा की जा रही है। बतौर प्रधानमंत्री उनका भविष्य अनिश्चित दिख रहा है।
जनवरी से अशांत है आयरलैंड
उत्तरी आयरलैंड जनवरी से अशांत चल रहा है। सिन फेन के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मार्च में वहां चुनाव कराने पड़े। आयरिश कैथोलिक व प्रो ब्रिटिश प्रोटेस्टेंट के बीच समझौते के लिए ब्रिटेन की सरकार कई बार समय सीमा तय कर चुकी है पर यह सिरे नहीं चढ़ रहा। सरकार ने गुरुवार तक दोनों दलों से सहमति कायम करने को कहा है।
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