कांच की बोतलों से बनेगी अगली पीढ़ी की बैटरी
अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, इन बैटरियों का विस्तार इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और हाइब्रिड इलेक्टि्रक वाहनों तक किया जाएगा।
लॉस एंजिलिस, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने कचरे में फेंकी गई कांच की खाली बोतलों से अगली पीढ़ी की बैटरी बनाने की तकनीक खोज निकाली है। इन बोतलों के इस्तेमाल और कम लागत वाली रासायनिक प्रक्रिया से ज्यादा क्षमता वाली लिथियम आयन बैटरी तैयार की है। इसमें पारंपरिक बैटरी की तुलना में चार गुना ज्यादा ऊर्जा संग्रह किया जा सकता है।
अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, इन बैटरियों का विस्तार इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और हाइब्रिड इलेक्टि्रक वाहनों तक किया जाएगा। नई बैटरी से निजी इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप ज्यादा समय चलेंगे। हर साल कांच की अरबों बोतलें कूड़े के ढेर में फेंक दी जाती हैं। इसे देखते हुए शोधकर्ताओं ने मौजूदा रीसाइकलिंग प्रोग्राम में गौर किया कि क्या इन पेय पदार्थो की बोतलों में मौजूद सिलिकॉन डाईआक्साइड से लिथियम आयन बैटरी के लिए उच्च शुद्धता वाले सिलिकॉन नैनोपार्टिकल्स को तैयार किया जा सकता है।
सिलिकॉन एनोड पारंपरिक ग्रेफाइट एनोड की तुलना में दस गुना ज्यादा ऊर्जा संग्रहित कर सकते हैं। हालांकि ये चार्ज और डिचार्ज के दौरान उतार-चढ़ाव से असंतुलित हो जाते हैं। इस समस्या का समाधान सिलिकॉन के आकार को नैनो स्तर पर लाकर किया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रचुर मात्रा में शुद्ध सिलिकॉन डाईआक्साइड और किफायती रासायनिक प्रक्रिया से लिथियम आयन बैटरी तैयार की गई। यह पारंपरिक ग्रेफाइट एनोड की तुलना में करीब चार गुना अधिक ऊर्जा संग्रह कर सकती है।
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