रोवर मंगल ग्रह पर नई मंजिल के लिए निकला
हाइड्रोजन और सिलिका से भरे-पूरे 'मिरियस पास' क्षेत्र का पता लगाने के बाद अब नासा का क्यूरिऑसिटी मार्स रोवर लाल ग्रह पर दक्षिण-पश्चिम में नए स्थान के लिए निकल पड़ा है।
वाशिंगटन। हाइड्रोजन और सिलिका से भरे-पूरे 'मिरियस पास' क्षेत्र का पता लगाने के बाद अब नासा का क्यूरिऑसिटी मार्स रोवर लाल ग्रह पर दक्षिण-पश्चिम में नए स्थान के लिए निकल पड़ा है।
मिरियस पास में वह पिछले कई हफ्तों से अपनी खोज में लगा था। यहां हाइड्रोजन की उच्च मात्रा से पता चला था कि वहां किसी समय भरपूर पानी था। हाइड्रोजन की तलाश रोवर के डायनेमिक एल्बेडो ऑफ न्यूट्रॉन्स (डीएएन) ने की थी। मिरियस पास को महत्वपूर्ण भौगोलिक संपर्क स्थल के तौर पर चिह्नित किया गया है।
मॉस्को में डीएएन के मुख्य निरीक्षक इगोर मित्रोफनोव के अनुसार, 'तीन वर्षो में पहली बार रोवर ऐसे स्थान पर पहुंचा है जहां की जमीन पर कभी तीन-चार गुना पानी हुआ करता था।' आकलन से पता चला है कि वहां की गीली जमीन पर एक सूखी परत जमी हुई है। इसके लिए रोवर ने पहले उस स्थान पर खुदाई की थी और उसके बाद उसकी रोबोटिक बांह ने उस स्थान की कई तस्वीरें उतारी थीं। अब रोवर वहां की मिट्टी अपने साथ लेकर आगे बढ़ चुका है।
मार्स रोवर को मंगल ग्रह पर कई स्थानों पर पानी के चिह्न मिले हैं। इनकी पहचान पानी के अणुओं से की जाती है। इस खोज से लाल ग्रह के पर्यावरण में आए बदलावों की जानकारी मिल सकेगी।