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बंधक बनाकर लड़की का यौन उत्‍पीड़न करने वाले को 17 साल की कैद

एक लड़की को होटल में बंधक बनाकर उसका यौन उत्‍पीड़न व मारपीट करने वाले शख्‍स को 17 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। एफियो एंथनी नामक इस आदमी ने 21 वर्षीय पीडि़ता के सिर पर चाकू से क्रॉस का निशान उकेर दिया था। इसके बाद कहा कि 2012

By manoj yadavEdited By: Published: Tue, 26 May 2015 08:33 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 08:36 PM (IST)

ऑक्सफोर्ड। एक लड़की को होटल में बंधक बनाकर उसका यौन उत्पीड़न व मारपीट करने वाले शख्स को 17 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। एफियो एंथनी नामक इस आदमी ने 21 वर्षीय पीडि़ता के सिर पर चाकू से क्रॉस का निशान उकेर दिया था। इसके बाद कहा कि 2012 में मेलबोर्न के एक होटल के कमरे में उसे छह सप्ताह तक एक कठिन परीक्षा से गुजरना होगा। 47 साल के इस आरोपी पर बलात्कार व चोरी के नौ और जान से मारने की धमकी के आरोप लगाए गए।

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इसके अलावा उस पर इरादतन गंभीर चोट पहुंचाने और पीडि़ता के शरीर पर 54 जगह खरोंच पहुंचाने का भी आरोप था। सोमवार को विक्टोरियन काउंटी कोर्ट के जज फ्रेंक गुर्शिदो ने कहा कि पीडि़ता के प्रति आरोपी ग्रेनेटा का बर्ताव बेहद वहशियाना, घृणित और अमानवीय था। पीडि़ता 13 साल तक लगातार दर्द सहन करती रही। उसने अपमान और अत्याचार झेला। कठिन परीक्षा के दौर में नवबंर व दिसंबर के बीच पीडि़ता को बेरहमी से पीटा गया। वह कुछ भी खाने में अक्षम थी।

उसे मोबाइल फोन चार्जर से मारा गया इससे उसकी त्वचा खराब व चोटिल हो गई। उसका बेदर्दी से यौन उत्पीड़न किया गया और कहा गया कि उसे मार दिया जाएगा। 2008 में आरोपी ने उसकी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर पीडि़ता के बाल खींचकर उसे पीटा था जिससे उसकी नाक टूट गई थी। ग्रेनेटा ने कोर्ट में बताया कि होटल के कमरे व बाथरूम में सात कैमरे लगाए गए थे जो इस जुल्म की कहानी को दर्ज करते थे। छह सप्ताह बीतने पर पीडि़ता को आरोपी से ओरल सेक्स करने को मजबूर किया गया, ऐसा न करने पर उसे चाकू से घायल किया गया।

जब उसे पहली बार पुलिस से बात करने को मिला तो उसने बताया कि वह ठीक है। पुलिस अधिकारियों के होटल का जायजा लिया। कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील पीटर चेडविक ने काफी दलीलें दी। जज ने कहा कि इस कृत्य में किसी प्रकार की नैतिकता नहीं बची। पीडि़ता ने कहा कि लगातार होने वाली अत्याचारों व मारपीट के कारण उसे ऐसा सदमा लगा कि वह अभी तक उबर नहीं पाई है।

जज ने अपने फैसले में कहा कि पीडि़ता भले की शारीरिक चोटों से उबर जाए लेकिन उसकी पीड़ादायक यादों से पीछा छुड़ाना आसान नहीं होगा। आरोपी पर तय किए गए सभी आरोप सही पाए गए और सजा सुनाए जाने से पहले ही वह 836 दिन की सजा तो काट ही चुका है।


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