आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत-मिस्र
आतंकवाद का मुकाबला भारत और मिस्र मिलकर करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मिस्र के राष्ट्रपति फतेह अल सिसी के बीच सोमवार को हुई मुलाकात में इसपर सहमति बनी।
काइरो । आतंकवाद का मुकाबला भारत और मिस्र मिलकर करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मिस्र के राष्ट्रपति फतेह अल सिसी के बीच सोमवार को हुई मुलाकात में इसपर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों को विशेष खतरा बताते हुए साझा लड़ाई पर रजामंदी पर जताई।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) अनिल वाधवा ने बताया कि रक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि सुषमा ने मिस्र के अपने समकक्ष सामेह हसन शुक्री से भी मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि मिस्र अफ्रीका में भारत का सबसे अहम व्यवसायिक साझेदार है।
इससे पहले पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका को भारत के लिए अहम बताते हुए सुषमा ने भारतीय समुदाय के लोगों को देश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में न केवल 70 लाख भारतीय रहते हैं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से भी ये देश भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि भारत सरकार पश्चिमी एशियाई और उत्तरी अफ्रीकी देशों के साथ करीबी और मजबूत संबंध बनाने में जुटी है।
इस दिशा में इन देशों में रहने वाले भारतीयों के प्रयासों की भी उन्होंने सराहना की। बतौर विदेश मंत्री पहली बार मिस्र पहुंचीं सुषमा ने काइरो में रविवार शाम भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए व्यापार बढ़ाने और भारत को वैश्रि्वक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक और राजनीतिक दोनों मोर्चे पर 'अद्भुत बदलाव' हो रहा है। प्रवासियों को बदलाव का अपरिहार्य हिस्सा बताते हुए उनसे 'भारत की तरक्की की कहानी' का हिस्सा बनने की उन्होंने अपील की।
रिहाई पर प्रसन्नता
सुषमा ने मिस्र की जेल 22 और 16 वर्ष काट चुके दो भारतीय कैदियों को भारत वापस भेजने के मिस्र के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों अब जल्द घर लौट सकेंगे। दो दिन के मिस्र दौरे पर रविवार को काइरो पहुंचीं सुषमा मंगलवार को जर्मनी के लिए रवाना हो जाएंगी।