मजाक बनती जा रही तालिबान से शांति वार्ता
पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) व सरकार के बीच शुरू हुई शांति वार्ता मजाक बनती जा रही है। टीटीपी का रोज-रोज नई मांग व चाहतों के साथ सामने आना सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। आतंकी संगठन ने अब इच्छा जताई है कि उनका सरगना मुल्ला फजलुल्ला देश की कमान संभाले। इस तर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) व सरकार के बीच शुरू हुई शांति वार्ता मजाक बनती जा रही है। टीटीपी का रोज-रोज नई मांग व चाहतों के साथ सामने आना सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। आतंकी संगठन ने अब इच्छा जताई है कि उनका सरगना मुल्ला फजलुल्ला देश की कमान संभाले। इस तरह की बेतुकी मांगों से शांति वार्ता के असफल होने की आशंका मजबूत होती जा रही है।
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प्रतिबंधित संगठन टीटीपी के प्रवक्ता शहीदुल्ला शाहिद ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा, 'मुल्ला फजलुल्ला में देश का नेतृत्व संभालने की पूरी काबिलियत है। उन्हें देश का मुखिया बनना चाहिए।' फजलुल्ला को हाल में टीटीपी का प्रमुख बनाया गया है। स्वात घाटी का यह सरगना 2009 में चले सैन्य अभियान के दौरान अफगानिस्तान भाग गया था। लेकिन, अब उसने लौटकर आतंकी संगठन की कमान संभाल ली है।
शाहिद ने कहा, सरकार से हमारी लड़ाई दो वजहों से है। पहला कारण पाकिस्तान के साथ अमेरिका के दोस्ताना संबंध और दूसरा देश में लागू गैर इस्लामी शासन तंत्र यानी प्रजातंत्र है। हम देश में शरई चाहते हैं। पाकिस्तान इसी कारण से बनाया गया था। युद्धविराम के सवाल पर उसने कहा, हम इसके लिए तैयार हैं मगर घोषणा पहले सरकार को करनी होगी।
टीटीपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि पिछली बार सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये व विदेशी दबाव के चलते शांति वार्ता असफल हुई थी। इस बार हम चाहते हैं कि इसमें सफलता मिले। हमें मालूम है कि यदि वार्ता असफल हुई तो सरकार सैन्य अभियान चलाएगी। लेकिन, उन्हें मालूम होना चाहिए कि सेना पहले भी हमें कुचलने का कई बार प्रयास कर असफल हो चुकी है। स्वात घाटी से खदेड़े जाने के सवाल पर आतंकी प्रवक्ता ने कहा कि वह हमारी हार नहीं थी। सेना की सफलता के बावजूद हमने शरई के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी।
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