नई पीढ़ी के अंतरिक्ष यान के लिए ट्रेनिंग में जुटीं सुनीता विलियम्स
इसका प्राथिमक काम क्रू को अंतारष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक पहुंचाना और उन्हें बिगिलो एरोस्पेस कमर्शियल स्पेस स्टेशन की तरह स्पेश स्टेशन मुहैया कराना होगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत में जन्मीं सुनीता विलियम्स व नासा के दूसरे अंतरिक्ष यात्री अगली पीढ़ी के अंतरिक्षयान के लिए प्रशिक्षण की तैयारी में जुट गए हैं। यह अंतरिक्ष यान चालक दल को अंतरिक्ष स्टेशन आइएसएस ले जाएगा।नए अंतरिक्षयान सीएसटी-100 स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल का डिजाइन बोइंग ने बिगेलो एयरोस्पेस के साथ मिलकर बनाया है।
इसका मिशन क्रू सदस्यों को आइएसएस पहुंचाना है। नासा ने पिछले साल जुलाई में 50 वर्षीय सुनीता, बॉब बेहंकेन, डग हर्ले और एरिक बोए को टेस्ट फ्लाइट के प्रशिक्षण के लिए चुना था। एजेंसी ने बताया कि अभी यह फ्लाइट तय नहीं है। इसलिए सभी चारों अंतरिक्षयात्री स्टारलाइनर के लिए अभ्यास कर रहे हैं।
सुनीता ने कहा, 'इसमें टचस्क्रीन डिस्प्ले की सुविधा भी है। यह पहले के अंतरिक्षयानं से ज्यादा उपयोगी है।' सुनीता इस साल फरवरी में नासा के प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के दौरे पर आई थीं। इस प्रतिनिधिमंडल की अंतरिक्ष में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ बातचीत हुई थी।
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