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चीन की धरती पर उतरा सोलर विमान

स्वच्छ ऊर्जा का संदेश देने विश्व भ्रमण पर निकला सौर विमान सोलर इंपल्स-2 (एसआइ-2) दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले देश चीन पहुंच गया है। पायलटों ने इसे अब तक की अपनी सबसे कठिन उड़ान बताया है। विमान की यह पांचवीं उड़ान थी।

By Sachin kEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 03:11 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 03:21 PM (IST)

बीजिंग। स्वच्छ ऊर्जा का संदेश देने विश्व भ्रमण पर निकला सौर विमान सोलर इंपल्स-2 (एसआइ-2) दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले देश चीन पहुंच गया है। पायलटों ने इसे अब तक की अपनी सबसे कठिन उड़ान बताया है। विमान की यह पांचवीं उड़ान थी।

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अबूधाबी से नौ मार्च को उड़ान की शुरुआत करने वाला यह विमान म्यांमार के मांडले से चलकर सोमवार आधी रात के बाद 1.35 बजे चीन के चोंगकिंग की धरती पर उतरा। एसआइ-2 को चीन से म्यांमार पहुंचने में 20.29 घंटे का वक्त लगा। स्विट्जरलैंड के पायलट बरट्रांड पिकार्ड व आंद्रे बॉर्सबर्ग इस विमान को उड़ा रहे हैं। इसके डैनों में 17 हजार सौर बैट्रियां लगाई गई हैं।

दक्षिण चीन की ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं को पार करने के लिए विमान को 28 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरनी पड़ा। पायलटों को ऑक्सीजन मास्क भी लगाना पड़ा था। कॉकपिट का तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मांडले से चीन की यात्रा (1,459 किलोमीटर) को अभी तक का सबसे कठिन अभियान बताया गया है। एसआइ-2 अहमदाबाद व वाराणसी में भी लैंड किया था।

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