सरबजीत का कोमा से लौटना मुश्किल
लाहौर। पाकिस्तान के लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों के जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह का कोमा से लौटना मुश्किल है। जिन्ना अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 4
लाहौर। पाकिस्तान के लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों के जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह का कोमा से लौटना मुश्किल है। जिन्ना अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 49 वर्षीय पीड़ित की बिगड़ती हुई हालत उन्हें 'ब्रेन डेथ' की ओर ले जा रही है। उन्होंने बताया कि सरबजीत 'नॉन-रिवर्सिबल' कोमा में चले गए हैं। एक सूत्र के मुताबिक सरबजीत का दिल तो धड़क रहा है, लेकिन उनका दिमाग निष्क्रिय हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक ग्लासगो कोमा स्केल [जीसीएस] पर उनकी स्थिति पांच मापी गई थी, जो अब जोखिम के स्तर तक पहुंच गई है। जीसीएस के जरिये मरीज के कोमा का स्तर और तंत्रिका तंत्र को पहुंचे नुकसान का आकलन किया जाता है। सिर की गंभीर चोटों के कारण सरबजीत के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। गौरतलब है कि शुक्रवार दोपहर जेल में छह कैदियों ने उनके सिर पर ईट से, जबकि गले व पेट पर कनस्तर के टुकड़ों से वार किया था। हमले में उनके सिर की हड्डी टूट गई थी।
फिलहाल सरबजीत पूरी तरह से भावशून्य हो चुके हैं। यहां तक कि वह बिना वेंटिलेटर के सांस भी नहीं ले सकते हैं। ये तमाम जानकारियां ऐसे समय आई हैं, जब इलाज कर रहे मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर उनके परिजनों और पाकिस्तानी अधिकारियों से बिना सलाह-मशविरा किए सरबजीत को 'ब्रेन डेड' घोषित करने की स्थिति में नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरबजीत को परिजनों की सहमति और पाकिस्तानी सरकार की मंजूरी के बिना वेंटिलेटर से नहीं हटाया जा सकता। मंगलवार को ही जिन्ना अस्पताल के डॉक्टरों ने कह दिया था कि सरबजीत की हालत लगातार बिगड़ रही है। हालांकि, उन्होंने पीड़ित को ब्रेन डेड घोषित नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि मेडिकल उपकरणों की सहायता से उनका रक्तचाप नियंत्रित है, लेकिन उनके बचने की उम्मीद बहुत ही कम है। गौरतलब है कि सरबजीत को वर्ष 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में दोषी ठहराया गया था। पाकिस्तान की अदालत ने इस मामले में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, भारत सरकार और उनके परिजन उन्हें निर्दोष बताते रहे हैं।
रोज मिल सकेंगे भारतीय अधिकारी
पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को दिन में एक बार जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह से मिलने की अनुमति दे दी है। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत की ओर से बार-बार की गई सरबजीत को राजनयिक मदद की मांग मानते हुए यह अनुमति दी है।
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