सरबजीत के हत्यारे की जमानत अर्जी खारिज
पाकिस्तान की एक अदालत ने सरबजीत सिंह के हत्यारे की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। आमेर सरफराज तांबा पर साल 2013 में भारतीय मूल के कैदी सरबजीत की जेल में ही हत्या का आरोप है।
लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने सरबजीत सिंह के हत्यारे की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। आमेर सरफराज तांबा पर साल 2013 में भारतीय मूल के कैदी सरबजीत की जेल में ही हत्या का आरोप है।
उसने लाहौर स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दी थी। अर्जी को खारिज करते हुए न्यायाधीश नासिर राना ने कहा, 'घटना को अन्य कैदियों की मौजूदगी में सार्वजनिक रूप से अंजाम दिया गया था। अभियोजन पक्ष ने ढेरों सबूत पेश किए हैं जो उसके खिलाफ हैं।'
अपने आवेदन में आरोपी ने कहा था कि मुझे इस मामले में फंसाया जा रहा है। जिस समय सरबजीत की हत्या हुई, मैं बैरक में मौजूद नहीं था। हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी भी उसके पास से नहीं हुई है।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने दलीलें पेश करते हुए कहा, 'आरोपी द्वारा दिए गए दोनों तर्क झूठ हैं। उसे घटना स्थल से रंगे हाथ पकड़ा गया था। यही नहीं उसके पास से हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया गया था। ये सभी सबूत न्यायालय में पहले ही पेश किए जा चुके हैं।
विदित हो कि भारतीय मूल के कैदी का मामला लाहौर के कोर्ट लखपत जेल में चल रहा था। इस बीच जब उसको सुनवाई के लिए ले जाया जा रहा था तो जेल में बंद दूसरे कैदी तांबा ने धारदार हथियार से हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया था। यह घटना 29 अप्रैल, 2013 की है। गंभीर रूप से घायल होने के कारण दो मई को सरबजीत ने जिन्ना अस्पताल में दम तोड़ दिया था।