अलकायदा को रुश्दी चाहिए जिंदा या मुर्दा
लंदन। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता स्वर्गीय आयतुल्लाह खुमैनी के 1
लंदन। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता स्वर्गीय आयतुल्लाह खुमैनी के 1989 के मौत के फतवे से अभी तक बचे भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी अब अलकायदा के निशाने पर हैं। इस आतंकी संगठन को सैटेनिक वर्सेज के लेखक जिंदा या मुर्दा चाहिए। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली अलकायदा की एक प्रतिबंधित वेब पत्रिका ने रुश्दी का नाम अपनी मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया है।
वाशिंगटन स्थित मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित इस पत्रिका ने इस्लाम के प्रति अपराध करने वालों की मोस्ट वांटेड सूची प्रकाशित की है। 'वांटेड : डेड आर अलाइव फॉर क्राइम अगेंस्ट इस्लाम' शीर्षक से जारी इस सूची में रुश्दी के अलावा अमेरिकी पादरी टेरी जोंस का नाम भी है। जोंस ने अमेरिका पर 9/11 के हमले की एक बरसी पर मुस्लिमों के पवित्र ग्रंथ को जलाया था। अलकायदा को जिन अन्य लोगों की तलाश है, उनमें मोली नोरिस, अयान हिरसी अली, फ्लेमिंग रोस, मोरिस स्वाडिक, गर्ट विल्डर्स, लार्क विल्क्स, स्टीफन चार्बोनी, कारस्टेन लस्टे, कर्ट वेस्टरगार्ड प्रमुख हैं।
सूची जारी करते हुए कहा गया है कि इन इस्लाम विरोधियों की हत्या की जानी चाहिए। ये हमें जिंदा या मुर्दा चाहिए ताकि हम इन्हें सजा दे सकें। पत्रिका में आगे कहा गया है कि सूचीबद्ध लोग जहां कहीं भी दिखें, इनकी हत्या कर दी जानी चाहिए।
ध्यान रहे कि 1988 में सैटेनिक वर्सेज के प्रकाशन के चलते पैदा हुए विवाद के बाद ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खुमैनी ने 14 फरवरी, 1989 को सलमान रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था।
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