राजनयिक विवाद के बीच अमेरिका में राजदूत का पद संभालेंगे जयशंकर
अमेरिका के साथ राजनयिक विवाद के बीच एस जयशंकर मंगलवार को यहां भारत के नए राजदूत का पद संभालेंगे। वह इससे पहले चीन में भारतीय राजदूत थे। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई तल्खी को जल्द से जल्द दूर करना होगा। अपनी महिला राजनयिक क
वाशिंगटन। अमेरिका के साथ राजनयिक विवाद के बीच एस जयशंकर मंगलवार को यहां भारत के नए राजदूत का पद संभालेंगे। वह इससे पहले चीन में भारतीय राजदूत थे। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई तल्खी को जल्द से जल्द दूर करना होगा।
अपनी महिला राजनयिक की गिरफ्तारी पर भारत ने कड़ा विरोध जताया था। अमेरिका से इस मामले में माफी की मांग करते हुए भारत ने दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर से अतिरिक्त सुरक्षा भी हटा ली थी। लोक सभा स्पीकर समेत पक्ष-विपक्ष के कई नेताओं ने भारत दौरे पर गए अमेरिकी सांसदों के दल से मिलने से इन्कार कर दिया था।
इस घटना के कारण पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों के रिश्ते न्यूनतम पायदान पर पहुंच गए हैं। ऐसे वक्त में अमेरिका में भारतीय राजदूत का पद संभालना जयशंकर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। जयशंकर की गिनती भारत के सबसे अच्छे विदेश सेवा अफसरों में होती है। यही कारण था कि उन्हें चीन में भारतीय राजदूत की जिम्मेदारी दी गई थी। जयशंकर ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय सामरिक मामलों के जाने-माने विश्लेषक के सुब्रमण्यम के बेटे जयशंकर के सामने अब दोनों देशों के संबंधों को और कटु होने से बचाने की जिम्मेदारी है।
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वाशिंगटन पहुंच चुके जयशंकर को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने अपने विचार रखने के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। ओबामा फिलहाल हवाई में अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे हैं और पांच जनवरी को ही अपने दफ्तर लौटेंगे। रूसी, जापानी और हंगरी भाषा में निपुण जयशंकर अमेरिका में निरुपमा राव की जगह लेंगे।
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