पंडित रविशंकर को लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी अवार्ड
वाशिंगटन। मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर को लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ग्रैमी पुरस्कार प्रदान करने वाली रिकॉर्डिग अकादमी ने गुरुवार को यह घोषणा की। उन्हें यह पुरस्कार मरणोपरांत 10 फरवरी को लॉस एंजिलिस में आयोजित 55वें ग्रैमी पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा।
वाशिंगटन। मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर को लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ग्रैमी पुरस्कार प्रदान करने वाली रिकॉर्डिग अकादमी ने गुरुवार को यह घोषणा की। उन्हें यह पुरस्कार मरणोपरांत 10 फरवरी को लॉस एंजिलिस में आयोजित 55वें ग्रैमी पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा।
दुनियाभर में भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले और तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता रविशंकर ने बुधवार को कैलीफोर्निया के ला जोला स्थित स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। 92 वर्षीय रविशंकर लंबे समय से सांस की बीमारी से पीड़ित थे।
ग्रैमी के प्रवक्ता स्टेफनी शैल ने बताया कि उन्हें सम्मान देने का फैसला उनकी मृत्यु से पूर्व ही कर लिया गया था। अकादमी के निदेशक व सीईओ नील पोर्टनो ने उन्हें खुद फोन पर इसकी सूचना दी थी, जिससे वह बेहद खुश थे। उन्होंने कहा, 'रविशंकर असल मायनों में अंतरराष्ट्रीय संगीत के दूत थे। बतौर संगीतकार, शिक्षक और लेखक उन्हें पश्चिम में भारतीय संगीत का प्रसार करने के लिए जाना जाता है। अपने कई दशक के करियर में उन्होंने विख्यात राक बैंड बीटल्स, अमेरिकी गायक जॉन कोल्ट्रेन, अमेरिकी संगीतकार फिलिप ग्लास और अपनी पुत्रियों नोरा जोंस और अनुष्का शंकर सहित कई संगीतकारों को प्रभावित किया।'
रविशंकर के अलावा इस साल ग्लेन गोल्ड, चार्ली हैडम, लाइटनिन होपकिंस, कैरोल किंग, पैटी पेज और थेंपटेशन को भी लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अकादमी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि रविशंकर अंतरराष्ट्रीय संगीत के सच्चे मायने में दूत थे। वह न केवल एक महान संगीतकार थे बल्कि मानवतावादी एवं परोपकारी भी थे। 1971 में बीटल्स केजॉर्ज हैरिसन के साथ मिलकर बांग्लादेश के लिए एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया था। यहीं से चैरिटी के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
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