चीन में शी जिनपिंग को सबसे ताकतवर बनाने की तैयारी, नियमों में होंगे बदलाव
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट ने इस बैठक को अगले साल होने वाली पार्टी कांग्रेस से पहले खुद को मजबूत करने के लिहाज से शी के लिए महत्वपूर्ण मौका बताया है।
बीजिंग, प्रेट्र । चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की चार दिवसीय बैठक सोमवार से बीजिंग में शुरू हुई। 27 अक्टूबर तक चलने वाली इस बैठक में ऐसे फैसलों की उम्मीद है जो चीन के इतिहास की दिशा बदल सकता है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सर्वशक्तिमान बनाने के लिए तीन दशक से भी ज्यादा पुराने सामूहिक नेतृत्व के नियम में बदलाव की संभावना है।
शी को पार्टी संस्थापक माओत्से तुंग के समान एक मजबूत नेता के तौर पर पेश करने की कोशिशों के बीच हो रही इस बैठक में पार्टी की केंद्रीय समिति के 370 पूर्णकालिक और वैकल्पिक सदस्य भाग ले रहे हैं। सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार इस दौरान पार्टी प्रबंधन, अनुशासन और कार्यप्रणाली को लेकर कई प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। हालांकि भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच हो रही बैठक से मीडिया को दूर रखा गया है।
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट ने इस बैठक को अगले साल होने वाली पार्टी कांग्रेस से पहले खुद को मजबूत करने के लिहाज से शी के लिए महत्वपूर्ण मौका बताया है। बैठक में यदि नियम नहीं बदले गए तो कांग्रेस में शी के नेतृत्व वाले स्थायी समिति के सात में से पांच सदस्य बदल दिए जाएंगे। मौजूदा व्यवस्था के तहत यही समिति देश पर शासन करती है। इस साल जुलाई में पार्टी पोलितब्यूरो की बैठक में 63 वर्षीय शी को मजबूत बनाने के लिए सामूहिक नेतृत्व के 1980 के इस नियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था। यह नियम शीर्ष नेताओं के लिए 10 साल का कार्यकाल, 68 साल की उम्र में रिटायरमेंट और पार्टी नेतृत्व के लिए विस्तृत आचार संहिता निर्धारित करता है। इस नियम के अनुसार शी 2022 तक राष्ट्रपति रह सकते हैं। नियमों में बदलाव के संकेत बैठक शुरू होने से पहले ही पार्टी मुखपत्र पीपुल्स डेली से जुड़े पीपुल्स ट्रिब्यून ने दे दिए थे। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चीन को माओ जैसे नेतृत्व की जरूरत है और इस खांचे में शी पूरी तरह फिट बैठते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान मददगार
2012 में सत्ता संभालने वाले शी पार्टी महासचिव भी हैं। सत्ता में आने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया था। इससे वे काफी मजबूत बनकर उभरे हैं। पार्टी अनुशासनात्मक आयोग के अनुसार दस लाख से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच हुई है। मंत्री स्तर के आठ भ्रष्ट अधिकारियों को हाल ही में सजा सुनाई गई है। सार्वजनिक सुरक्षा विभाग के अनुसार विदेश भाग चुके 409 वांछित इस साल पकड़े गए हैं। इनमें से 15 सर्वाधिक सौ वांछितों की सूची में थे।
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