आखिरकार हाफिज सईद को पाकिस्तान ने माना आतंकवादी
मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तानी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। 30 जनवरी से नजरबंद हाफिज के खिलाफ अब आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है।
नई दिल्ली,जेएनएन। खुद पर गुजरी तो पाकिस्तान को थोड़ा होश आया। आतंकी घटनाओं में सौ से ज्यादा लोगों के मारे जाने के बाद ही सही पाकिस्तान ने भारत के गुनहगार हाफिज सईद को आतंकी मान लिया है। उसके चार अन्य साथियों को भी इस सूची में शामिल किया गया है। हालांकि पाक की इस कार्रवाई को भी उसकी मंशा की बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से उल्टी कार्रवाई का डर और भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरेबंदी के दबाव के रूप में देखा जा रहा है।
बहरहाल, अब भारत के लिए यह साबित करना आसान है कि किस तरह से तमाम आतंकियों को पाकिस्तान पहले बचाता है और फिर दवाब पड़ने पर उन पर कार्रवाई करता है।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने आतंकी संगठन सईद व उसके चार सहयोगियों को आतंकरोधी कानून के तहत शामिल किया है। इसका साफ तौर पर मतलब है कि पाकिस्तान कानूनी तौर पर अब यह स्वीकार कर रहा है कि सईद आतंकी है। सईद 30 जनवरी, 2017 से ही नजरबंद है लेकिन उसके नाम को कानूनी तौर पर शामिल करने के बाद उसकी गतिविधियों पर और पाबंदी लग जाएगी। उसके मिलने जुलने, बयान जारी करने या पैसे खर्च करने पर भी अब पाबंदी लग जाएगी। वैसे पाकिस्तान ने इसके पहले भी वर्ष 2008 में सईद को गिरफ्तार किया था लेकिन इस बार जिस कानून के तहत उसका नाम शामिल किया गया है वह पहले से काफी सख्त है।
भारत के रणनीतिकारों के उत्साहित होने के पीछे भी यह एक अहम वजह है।भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक हाफिज सईद के साथ उसके दायें हाथ काजी कासिफ को भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ने पिछले कुछ समय से कश्मीर मुद्दे पर लगातार न सिर्फ सार्वजिनक रैलियां आयोजित कर रहे थे बल्कि भारत को खुलेआम सर्जिकल स्ट्राइक व कश्मीर मामले पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहे थे। इनके अलावा अबदुल्लाह ओबैद, जफर इकबाल और अब्दुर रहमान आबिद के नाम भी एंटी टेरोरिस्ट एक्ट की चौथी अधिसूची में शामिल की गई है। जिसका मतलब है कि ये सभी शख्स किसी न किसी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
पाकिस्तान के इस कानून के मुताबिक इस सूची में शामिल लोगों की संपत्तियां जब्त कर ली जाती हैं, उनके पुराने सभी धंधों की जांच की जाती है, उनके पैसे के हिसाब किताब की जांच की जाती है, उनके किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने जुलने पर रोक लग जाती है। साथ ही आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के उनके आरोपों की जांच की जाती है। अब भारत इस बात पर नजर रखेगा कि सईद व उसके साथियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
भारतीय पक्ष मानता है कि पाक अब आगे सईद को लेकर सख्ती दिखाये या नहीं दिखाये लेकिन भारत उसके खिलाफ जो बातें कह रहा था उसे अब एक तरह से पाकिस्तान ने भी स्वीकार कर लिया है। अभी तक पाकिस्तान की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि सईद की गतिविधियां पूरी तरह से राहत कार्य व राजनीतिक रैलियों तक सीमित है। लेकिन अब यह तर्क नहीं दिया जा सकेगा। ऐसे में भारत अब पाक सेना व सरकार के सहयोग से फल फूल रहे तमाम आतंकी संगठनों के बारे में अब ज्यादा पुख्ते तरीके से अपनी आवाज तमाम देशों के सामने रख सकेगा।
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