पाकिस्तान में भारतीय टीवी कार्यक्रमों से बैन हटा,मीडिया ने किया स्वागत
मंगलवार को लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह ने फैसला सुनाया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक को अपनी नीति में बदलाव लाने की जरूरत है।
इस्लामाबाद (आईएएनएस)। एक पाकिस्तानी अखबार ने गुरुवार को लाहौर हाई कोर्ट के द्वारा निजी चैनलों पर भारतीय टीवी सामग्रियों के प्रसारण पर लगे बैन हटाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। 'द डॉन' के संपादकीय में लिखा गया कि "यह निश्चित रूप से बेहतर समझ का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विनियामक प्राधिकरण (पेमरा) द्वारा जारी आदेश का जिक्र किया जिसमें भारतीय नाटकों की सामग्री को आपत्तिजनक और पाक विचारधारा के विपरीत बताया था।
मंगलवार को लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह ने फैसला सुनाया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक को अपनी नीति में बदलाव लाने की जरूरत है। आज दुनिया एक वैश्विक गांव बन गई है और इस तरह के प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है।
"इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल मीडिया के इस युग में, कोई भी सामग्री देखना कोई मुश्किल बात नहीं है। ऐसे में किसी इस तरह के प्रतिबंध का कोई मतलब नहीं है। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से राजनयिक संबंध हताहत हुए हैं। इस टकराव का असर यह हुआ है कि पिछले साल उरी (आतंकवादी) हमले के बाद भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों के प्रति भारी असंतोष फैला है। "अब जब पाकिस्तानी चैनलों से भारतीय सामग्री पर प्रतिबंध हटा दिया गया है, तो यह भारतीय प्रसारकों के लिए एक स्वागत योग्य कदम होगा। खासकर जब पाकिस्तानी टीवी शो सरहद पार काफी लोकप्रिय हो रहा है। सहभागिता में ही हमारा भविष्य है।
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