आतंकवाद पर फिर दिखा पाक का दोहरा चरित्र, भारत के प्रस्ताव का किया विरोध
निर्गुट सम्मेलन में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आया है। पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ निर्गुट देशों का कार्यबल बनाने के भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है।
मार्गरिटा आइलैंड, प्रेट्र। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र एक बार फिर सामने आया है। उसने आतंकवाद के खिलाफ निर्गुट देशों का कार्यबल बनाने के भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है।
सूत्रों के अनुसार, निर्गुट सम्मेलन से पहले मंत्रिस्तरीय चर्चा के दौरान विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा। भारत का मकसद कार्यबल बनाकर आतंकवाद के खिलाफ गुटनिरपेक्ष देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाना है। आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित 20 देशों ने भारत के प्रस्ताव का जोरदार समर्थन किया। लेकिन अकेले पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव का पूरे दमखम से विरोध किया।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कूटनीतिक चर्चा के दौरान पूरी तरह अलग-थलग पड़ने के बावजूद पाकिस्तानी प्रतिनिधि तसनीम असलम का रुख नहीं बदला। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ किसी तरह की आम सहमति नहीं बन सकती है। इसके अलावा किसी कार्यबल में शामिल होना छोटे देशों के लिए यह बोझ बन जाएगा। छोटे देशों के पास कर्मचारियों का अभाव रहता है। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ क्यों कार्यबल बनाया जाना चाहिए? अन्य मुद्दों को इससे क्यों दूर रखा जाना चाहिए?
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सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद से जुड़े मामले संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा में शामिल हैं। कार्यबल बन जाने से गुट निरपेक्ष देश आतंकवाद के नए स्वरूपों पर समान रुख अपनाएंगे। इससे इन देशों के लिए आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और समन्वय बढ़ाना आसान हो जाएगा।
पाकिस्तान के जोरदार विरोध के बाद अब देखना है कि सम्मेलन के औपचारिक बयान में इस प्रस्ताव को शामिल किया जाता है या नहीं। भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संवादहीनता भी बनी हुई है। निर्गुट सम्मेलन में शामिल होने आए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज और भारत के विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के बीच अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है।
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