अवमानना मामले में घिरे रहमान मलिक
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्री रहमान मलिक की याचिका खारिज करते हुए उन पर सोमवार को अदालत की अवमानना के आरोप तय करने का आदेश दिया। मलिक पर सरकारी स्टील कंपनी में कथित भ्रष्टाचार की जांच में दखल देने के कारण कोर्ट की अवमानना का आरोप लगा है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्री रहमान मलिक की याचिका खारिज करते हुए उन पर सोमवार को अदालत की अवमानना के आरोप तय करने का आदेश दिया। मलिक पर सरकारी स्टील कंपनी में कथित भ्रष्टाचार की जांच में दखल देने के कारण कोर्ट की अवमानना का आरोप लगा है।
मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पिछले साल जारी नोटिस पर मलिक का जवाब संतोषजनक नहीं है। पीठ ने पाया कि उन्होंने अदालती कार्यवाही में दखल दिया है। अवमानना के आरोप तय करने की प्रक्रिया सात दिन के भीतर शुरू हो जाएगी। मामले में अटॉर्नी जनरल को अभियोजक के तौर पर नियुक्त किया गया है। हालांकि मलिक ने अदालत को मंगलवार तक स्थगित न करने की गुहार लगाई थी, क्योंकि उन्हें उज्बेकिस्तान जाना था। कोर्ट ने उनका यह आग्रह भी खारिज कर दिया और उनके उज्बेकिस्तान जाने पर रोक लगा दी। मलिक ने पिछले माह ही लिखित में माफी मांगते हुए दया याचिका लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह माफीनामा पश्चाताप की तरह है और यह अदालत पर निर्भर करता है कि उसे स्वीकार करे या न करे।
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