पनामा पेपर्स लीक मामले में बोले शरीफ, मेरे खिलाफ साजिश हो रही है
पेशी से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह अपने परिजनों और करीबी सहयोगियों से विचार विमर्श किया है। शरीफ ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके साथ आने के लिए मना किया है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र । भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मुश्किलों में घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गुरुवार को पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच कर रही संयुक्त जांच समिति (जेआइटी) के सामने पेश हुए। उनसे करीब तीन घंटे तक पूछताछ चली। भ्रष्टाचार मामले में जांच समिति के सामने पेश होने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। हालांकि, शरीफ ने कहा कि उनके परिवार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई उनकी सरकार के खिलाफ यह साजिश है।
तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल रहे 67 वर्षीय शरीफ ने पेशी के बाद पत्रकारों से कहा, 'मैंने जेआइटी के सामने अपना पक्ष रख दिया है। आरोपों का प्रधानमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल से कोई लेनादेना नहीं है। ये आरोप मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ निजी स्तर पर लगाए गए हैं। मैंने अपने जन्म से भी पहले के विवरण दे दिया है।' शरीफ अपने बड़े बेटे हुसैन, भाई व पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ, दामाद मुहम्मद सफदर और अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायिक अकादमी पहुंचे।
अकादमी में जेआइटी का अस्थायी सचिवालय बनाया गया है। इस दौरान बड़ी संख्या में पीएमएल-एन के कार्यकर्ता अकादमी के पास मौजूद रहे। जेआइटी के प्रमुख वाजिद जिया ने प्रधानमंत्री को मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों के साथ 15 जून को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा था। शरीफ ने कहा, 'विरोधियों ने मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। हालांकि न तो अतीत और न ही वर्तमान में मेरे और परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप साबित हुआ। मुझे यकीन है कि इस जांच का नतीजा भी अलग नहीं होगा।'
क्या है मामला
पनामा पेपर्स लीक में शरीफ और उनके परिवार के भ्रष्टाचार मामले उजागर हुए थे। इसके बाद उनको संसद की सदस्यता के अयोग्य करार देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका डाली गई। इसमें 1990 के दशक में मनी लांड्रिंग, विदेशी कंपनियों में पैसे लगाने और लंदन में कई संपत्तियां खरीदने के आरोप लगाए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाया जेआइटी
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 20 अप्रैल को अपने फैसले में छह सदस्यीय जेआइटी गठित करने और उसे प्रधानमंत्री, उनके बेटों और दूसरों को बुलाने का अधिकार दिया था। समिति को 60 दिनों में शरीफ परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार मामलों की जांच पूरी करने को कहा गया है।
भाई को भी बुलाया
जेआइटी ने नवाज शरीफ के भाई और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ को इस शनिवार को अपना बयान दर्ज कराने को कहा है। समिति शरीफ के बेटों हुसैन और हसन से अनुचित कारोबार के मामले में पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
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