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क्षुद्रग्रहों से पृथ्वी पर आया था पानी

अब तक समझा जाता रहा है कि पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रिया के बहुत समय बाद इसकी सतह पर समुद्र बने। लेकिन नए शोध के मुताबिक, पृथ्वी पर समुद्र शुरुआत से ही मौजूद थे और क्षुद्रग्रह पानी के संभावित स्रोत थे।

By Anjani ChoudharyEdited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 07:05 PM (IST)

वाशिंगटन। अब तक समझा जाता रहा है कि पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रिया के बहुत समय बाद इसकी सतह पर समुद्र बने। लेकिन नए शोध के मुताबिक, पृथ्वी पर समुद्र शुरुआत से ही मौजूद थे और क्षुद्रग्रह पानी के संभावित स्रोत थे।

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पृथ्वी की सतह पर 70 प्रतिशत तक जल मौजूद है। इस कारण इसे नीला ग्र्रह भी कहा जाता है। इसके अलावा दुनिया की सबसे अधिक व विविध प्रजातियां समुद्र में ही मौजूद हैं। माना जाता रहा है कि पृथ्वी के विकास की प्रक्रिया के बहुत बाद इसकी सतह पर पानी आया।

वुड्स ओशियनोग्र्राफी इंस्टीट्यूशन (डब्ल्यूएचओआइ) के शोधकर्ताओं को सौर प्रणाली और पृथ्वी पर पानी के साक्ष्य जुटाने के लिए समय में बहुत पीछे लौटना पड़ा।

प्रमुख शोधकर्ता एडम साराफियन ने बताया, 'सबसे बड़ा और बुनियादी सवाल है कि जीवन के लिए जरूरी पानी धरती पर कब आया और इसका जबाव है कि पानी धरती पर शुरुआत से ही मौजूद था। धरती के विकास के बाद की प्रक्रिया में हमने इन्हें हासिल नहीं किया है। जैसा कि हम अब तक सोचते आए हैं।'

शोधकर्ताओं ने नासा द्वारा उपलब्ध कराए गए क्षुद्रग्रह '4 वेस्टा' के नमूनों का विश्लेषण किया। 4 वेस्टा का निर्माण पृथ्वी के निर्माण जैसी स्थिति और समय में ही हुआ था। इसकी सतह पर जमा हुआ लावा मिला है। इसका निर्माण सौर प्रणाली के बनने के एक करोड़ 40 लाख साल बाद हुआ था।

यह समय पृथ्वी के निर्माण का समय था और इसके विश्लेषण से ग्रह पर जल की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता था। यह शोध जर्नल साइंस में प्रकाशित हुआ है।


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