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पाक में 69 आतंकियों के खिलाफ फांसी का फरमान

पेशावर के स्कूल में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने फांसी की सजा पर खुद लगाई रोक हटा ली है। इसके साथ ही आतंकी मामलों में मौत की सजा पाए 522 में से 69 आतंकियों के खिलाफ फांसी का फरमान जारी हो गया है। अब बहुत जल्द इन्हें फांसी दे

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 02:26 AM (IST)
पाक में 69 आतंकियों के खिलाफ फांसी का फरमान

इस्लामाबाद। पेशावर के स्कूल में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने फांसी की सजा पर खुद लगाई रोक हटा ली है। इसके साथ ही आतंकी मामलों में मौत की सजा पाए 522 में से 69 आतंकियों के खिलाफ फांसी का फरमान जारी हो गया है। अब बहुत जल्द इन्हें फांसी दे दी जाएगी।

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उल्लेखनीय है कि 522 में 11 आतंकी ऐसे हैं जिन्हें सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इनमें सेना प्रमुख राहिल शरीफ ने छह आतंकियों के डेथ वारंट पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर कर दिया। सेना ने आतंकियों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। इससे पहले देश के गृह मंत्री ने बृहस्पतिवार को ही 63 ऐसे आतंकियों की सूची फांसी के लिए सभी प्रांतों के पुलिस महानिरीक्षकों को भेजी जिन्हें मौत की सजा दी जानी है। इनकी दया याचिका राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दी है।

आतंकवाद को जड़ से मिटाने के क्रम में पाकिस्तान को पांच दर्जन से अधिक जेलों में बंद अदालतों से मौत की सजा पाए 8261 कैदियों पर फैसला लेना है। इनमें से लगभग 30 फीसद को वर्ष 2003-2004 के बाद आतंकवाद के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है और राहत पाने का इनका हर विकल्प समाप्त हो गया है।

पाकिस्तान में 991 ऐसे भी मुजरिम हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है लेकिन फरार हैं। माना जा रहा है कि ये आतंकी गुटों में शामिल हो गए हैं।

यूरोपीय संघ से व्यापार समझौते से हाथ धोने का डर

पाकिस्तान को डर है कि फांसी देना शुरू करने से उसे यूरोपीय संघ से रियायती व्यापार समझौते से हाथ धोना पड़ेगा। दुनिया के करीब 150 देशों ने अपने यहां मौत की सजा का प्रावधान खत्म कर दिया है या उन देशों में अब मौत की सजा नहीं दी जाती।

जेलों पर मंडरा रहा खतरा

आतंक से जुड़े मामलों में मौत की सजा पर रोक खत्म करने की घोषणा के बाद पाकिस्तान की जेलों पर तालिबान के हमले का खतरा मंडराने लगा है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के जेल महानिरीक्षक ने बृहस्पतिवार को इस बारे में प्रांतीय सरकार को सतर्क किया। डॉन की खबर के मुताबिक उन्होंने कहा है कि आतंकी हाई प्रोफाइल कैदियों को रिहा कराने के लिए जेल पर धावा बोल सकते हैं। प्रांत के कोहाट, तिमेरगारा, बानू, डेरा इस्माइल खान और मानशेरा की जेलों में हाई प्रोफाइल आतंकी हैं।

खैबर इलाके में ताबड़तोड़ हवाई हमलों में 57 आतंकी ढेर

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना ने तालिबान आतंकियों के स्वर्ग खैबर कबाइली इलाके में 20 हवाई हमले कर 57 आतंकियों को मार गिराया है।

खैबर कबाइली क्षेत्र के तिराह घाटी इलाके में तालिबान के ठिकानों पर 20 हवाई हमले किए थे जिसमें 57 आतंकी मारे गए। खैबर-1 नाम से चल रहे अभियान की समीक्षा की जा रही है। पाकिस्तानी पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को अफगान कैंपों और पेशावर के बाहरी इलाके में कार्रवाई शुरू की है। माना जा रहा है कि पेशावर के स्कूल पर हमले के लिए यही से आतंकियों को मदद मिली थी।

वायुसेना प्रमुख ने की शरीफ से मुलाकात

पाकिस्तानी वायुसेना के प्रमुख जाहिद रफीक बट ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। मुलाकात का कोई ब्योरा दिए बगैर द न्यूज इंटरनेशनल ने कहा है कि इस मुलाकात के दौरान आतंकियों के खिलाफ अभियान से जुड़े मुद्दे पर बातचीत हुई।

पेशावर हमले में अफगानिस्तान का हाथ होने का सुबूत नहीं

पाकिस्तान के इस दावे कि पेशावर हमले में शामिल आतंकी अफगानिस्तान से आए थे अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं में शुमार अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि इसका कोई सुबूत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि अच्छे तालिबान और बुरे तालिबान के बीच भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। अब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों का यह नया दौर है। हम जानते हैं कि आतंकी कहां थे और उनके ठिकाने कहां थे।

पाक में 8 हजार से ज्यादा कैदी फांसी के इंतजार में

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में फांसी की सजा पर रोक हटाए जाने के बाद मुल्क के पांच दर्जन जेंलों में बंद 8261 कैदियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इनमें से 30 फीसद ऐसे अपराधी है जिन्हें 2003-04 के बाद आतंकवाद के विभिन्न मामलों में मौत की सजा सुनाई गई है।

पेशावर हमले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने फांसी की सजा पर रोक का एलान किया था। 8262 कैदियों में ज्यादातर वैसे कैदी है जिनके सारे कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं और अपनी सजा का इंतजार कर रहे हैं। यदि सरकार ने अनुमति दे दी तो एक हफ्ते के भीतर इन्हें फांसी पर लटकाया जा सकता है।

जहां वर्ष 2004 से 2008 के बीच 235 कैदियों को फांसी दी जा चुकी है वहीं इसके बाद अब तक मात्र दो लोगों को मौत की सजा दी गई है।

पीएम नवाज शरीफ ने कल कहा था कि पेशावर हमले में जो भी लोग दोषी हैं उन्हें फांसी की सजा दी जाएगी। उन्होंने देश में फांसी पर लगी रोक को भी हटाने की घोषणा की। गौरतलब है कि शरीफ ने पिछले वर्ष जून में सत्ता संभालने के बाद फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। लेकिन कल की बर्बर घटना के बाद उन्होंने इस पर रोक हटा ली।

पढ़ें : पाकिस्तानी सेना के हवाई हमले में 57 आतंकी ढेर

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