Move to Jagran APP

ओबामा ने 466 अरब खर्च कटौती के प्रस्ताव को दी मंजूरी

वाशिंगटन। अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा बजट में कटौती और राजकोषीय घाटे के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों के साथ सहमति बनाने में नाकाम रहे। उन्होंने शुक्रवार को न चाहते हुए भी सरकारी खर्च में 85 अरब डॉलर [करीब 466.65 अरब रुपये] खर्च कटौती के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया। उनका मानना है कि

By Edited By: Published: Sat, 02 Mar 2013 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2013 05:48 PM (IST)
ओबामा ने 466 अरब खर्च कटौती के प्रस्ताव को दी मंजूरी

वाशिंगटन। अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा बजट में कटौती और राजकोषीय घाटे के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों के साथ सहमति बनाने में नाकाम रहे। उन्होंने शुक्रवार को न चाहते हुए भी सरकारी खर्च में 85 अरब डॉलर [करीब 466.65 अरब रुपये] खर्च कटौती के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया। उनका मानना है कि खर्च में कटौती से आर्थिक वृद्धि में आधा प्रतिशत की कमी आएगी और इस साल साढ़े सात लाख नौकरियों में कटौती होगी। सरकारी एजेंसियां यह कटौती शनिवार से एक अक्टूबर के बीच करेंगी।

loksabha election banner

ओबामा ने कांग्रेस के सदस्यों के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद कहा कि ऐसे समय जब हमारे व्यावसायियों का काम कुछ चलने लगा था, अमेरिका में नौकरियां वापस आने लगी थी हमें मनमाने ढंग से कटौती नहीं करनी चाहिए, जिनपर कारोबारी निर्भर रहते हैं। शिक्षा, अनुसंधान, आधारभूत क्षेत्र और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में यह कदम नहीं उठाना चाहिए जिनपर कर्मचारी निर्भर रहते हैं। यह अक्षम्य है। इसका अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि छंटनी और वेतन में कटौती का अर्थ है कि लोगों के पास खर्च करने के लिए कम पैसा बचेगा। इसका अर्थ होगा कि स्थानीय व्यवसाय में खर्च भी कम होगा। यानी मुनाफा कम होगा और कम नौकरियों का सृजन होगा। जितने लंबे समय तक यह कटौती चलती रहेगी उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। यह ऐसा घुन होगा जो प्रत्येक बीतते दिन के साथ और नुकसानदायक होगा।

कटौती का आधा असर रक्षा बजट पर पड़ेगा। रक्षा मंत्री चक हेगल ने कहा कि कटौती से हमारे सभी अभियान खतरे में पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि ओबामा राजकोषीय घाटे को खर्च में कटौती और टैक्स में वृद्धि करके पूरा चाहते थे। मगर नए साल पर रिपब्लिकन राजकोषीय घाटे [फिस्कल क्लिफ] को लेकर वार्ता के दौरान फिर से टैक्सों में बढ़ोतरी के खिलाफ थे।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.