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जिंदगी-मौत के बीच झूल रहा सरबजीत

इस्लामाबाद। लाहौर की कोट लखपत जेल में साथी कैदियों के जानलेवा हमले में घायल भारतीय नागरिकसरबजीत सिंह कोमा में हैं। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली [वेंटिलेटर] पर रखा गया है। भारतीय डॉक्टरों की टीम सरबजीत के इलाज में मदद के लिए पाकिस्तान का दौरा कर सकती है। सरबजीत पर हमले के संबंध में मौत की सजा पाए दो कैदियों आमेर आफताब और मुदस्सर पर मामला दर्ज किया गया है। इस बीच राहत की खबर यह है कि परिजनों को पाकिस्तान आने का वीजा मिल गया है और वे रविवार को अटारी बार्डर होकर आएंगे।

By Edited By: Published: Sat, 27 Apr 2013 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2013 09:21 PM (IST)
जिंदगी-मौत के बीच झूल रहा सरबजीत

इस्लामाबाद। लाहौर की कोट लखपत जेल में साथी कैदियों के जानलेवा हमले में घायल भारतीय नागरिकसरबजीत सिंह कोमा में हैं। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली [वेंटिलेटर] पर रखा गया है। भारतीय डॉक्टरों की टीम सरबजीत के इलाज में मदद के लिए पाकिस्तान का दौरा कर सकती है। सरबजीत पर हमले के संबंध में मौत की सजा पाए दो कैदियों आमेर आफताब और मुदस्सर पर मामला दर्ज किया गया है। इस बीच राहत की खबर यह है कि परिजनों को पाकिस्तान आने का वीजा मिल गया है और वे रविवार को अटारी बार्डर होकर आएंगे। एक-दूसरे के कैदियों की स्थिति की पड़ताल के लिए गठित भारत-पाक संयुक्त समिति में शामिल दो भारतीय सेवानिवृत्त जज भी जल्द ही कोट लखपत जेल का दौरा करेंगे।

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49 वर्षीय सरबजीत को लाहौर के जिन्ना अस्पताल के आइसीयू में रखा गया है। पुलिस कमांडो और खुफिया अधिकारियों को उनकी सुरक्षा में तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को छह कैदियों ने बैरक में सरबजीत कोबेरहमी से पीटा था। उनके सिर पर ईट से, जबकि गले और पेट पर ब्लेड व घी के कनस्तर के टुकड़ों से वार किया गया था। शुक्रवार को अत्याधिक अंदरूनी रक्तस्त्राव और सिर पर लगी गंभीर चोटों के कारण डॉक्टर उनकी सर्जरी नहीं कर पाए थे। अब सरबजीत की हालत स्थिर होने तक डॉक्टर कोई सर्जरी नहीं कर सकते। जिन्ना अस्पताल के सूत्रों ने बताया, 'ग्लैसगो कोमा स्केल (जीसीएस) पर सरबजीत की स्थिति पांच मापी गई है। जीसीएस किसी व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को पहुंचे नुकसान की जानकारी देता है।'

पाकिस्तानी समाचार चैनलों ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरबजीत के लिए अगले 24 घंटे काफी जोखिम भरे हैं। शुक्रवार को हमले में घायल सरबजीत को पहले जेल के अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद कोट लखपत जेल के अधीक्षक, सहायक अधीक्षक और कई सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक अजमल कसाब और अफजल गुरु की फांसी के बाद सरबजीत को कड़ी सुरक्षा में रखा गया था।

भारतीय अधिकारियों ने लिया हालचाल

शनिवार सुबह भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को जिन्ना अस्पताल में सरबजीत को देखने की इजाजत दे दी गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया, 'इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारी शनिवार दोपहर दो बजे अस्पताल में सरबजीत से मिलने पहुंचे। उन्हें सरबजीत की हालत के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई।'

पंजाब प्रांत के जेल उपाधीक्षक मलिक मुबाशिर को हमले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह हमले में जेल अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच करेंगे। सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए धमाकों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। इन धमाकों में 14 लोगों की जान गई थी। उनकी ताजा दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।

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