शेर बहादुर देउबा ने ढेरों उम्मीदों के बीच चौथी बार ली नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ
देउबा को सीपीएन-माओएस्ट सेंटर, मधेशी पीपुल्स राइट फोरम डेमोक्रेटिक, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों का समर्थन हासिल है।
काठमांडू, एएनआइ। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। काठमांडू में शीतल निवास में हुए भव्य समारोह के दौरान राष्ट्रपति विजय देवी भंडारी ने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री देउबा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
देउबा ने अपनी कैबिनेट में सात मंत्रियों को शामिल किया है, जिसमें तीन उप-प्रधान मंत्री भी हैं। नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपाल मान श्रेष्ठ, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के कृष्ण बहादुर महारा और नेपाल लोकतांत्रिक फोरम के अध्यक्ष बिजय कुमार गच्छादर को देश का उपप्रधानमंत्री बनाया गया है। श्रेष्ठ को इसके अलावा शिक्षा मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है तो महारा देश के नए विदेश मंत्री होंगे। वहीं गच्छादर को संघीय और स्थानीय विकास मामलों का मंत्री बनाया गया है।
नए प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण के साथ लोगों के बीच अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। काठमांडू के निवासी रमू नेउपेन ने कहा, 'नए निर्वाचित प्रधानमंत्री से मैं विकास की उम्मीद करता हूं। सड़कों में धूल की कमी और भ्रष्टाचार का अंत होगा, ऐसी आशा है। मुझे लगता है कि अब देश का विकास होगा।'
बता दें कि शेर बहादुर देउबा ने चौथी बार प्रधानमंत्री का पद संभाला है। नेपाली संसद में मंगलवार की दोपहर प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव हुए और देउबा का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय था। दरअसल, देउबा प्रधानमंत्री पद के इकलौते उम्मीदवार थे, मुख्य विपक्षी सीपीएन-यूएमएल अथवा किसी अन्य पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। देउबा को प्रधानमंत्री पद के लिए 50 फीसदी से अधिक सदस्यों का समर्थन हासिल था।
उन्हें 593 सदस्यीय संसद में 297 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी. नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर के गठबंधन के 287 सदस्य उनके साथ थे तथा 21 सीटों वाली चार अन्य पार्टियां का भी समर्थन हासिल था। देउबा की राह बहुत आसान मानी जा रही थी, लेकिन बीते रविवार को प्रधानमंत्री पद का चुनाव स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि सीपीएन-यूएमएल ने एक वार्ड में फिर से चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
देउबा को सीपीएन-माओएस्ट सेंटर, मधेशी पीपुल्स राइट फोरम डेमोक्रेटिक, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों का समर्थन हासिल है। अगर इन पार्टियों के नेता पद के लालच में देउबा का साथ छोड़ देते हैं, तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
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