शरीफ की संसद सदस्यता पर खतरा
नेशनल असेंबली अध्यक्ष अयाज सादिक ने उनकी सदस्यता खत्म करने संबंधी याचिका चुनाव आयोग को भेज दी है।
लाहौर, प्रेट्र। उड़ी हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ते जा रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ घर में भी घिरते जा रहे हैं। अब उनकी संसद सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। नेशनल असेंबली अध्यक्ष अयाज सादिक ने उनकी सदस्यता खत्म करने संबंधी याचिका चुनाव आयोग को भेज दी है।
सादिक ने शनिवार को बताया कि दस्तावेजों की जांच करने के बाद उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग का याचिका भेजने का फैसला किया है। क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने यह याचिका 15 अगस्त को दी थी। नेशनल असेंबली में पार्टी के उपनेता शाह महमूद कुरैशी, मुख्य व्हिप शिरीन माजरी और वरिष्ठ नेता आरिफ अल्वी ने सादिक को उनके कार्यालय में जाकर याचिका सौंपी थी।
पनामा पेपर्स लीक के मद्देनजर पार्टी ने संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 का हवाला देते हुए शरीफ को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। याचिका चुनाव आयोग को भेजे जाने से एक दिन पहले ही इमरान ने लाहौर में शरीफ के घर के पास एक बड़ी रैली की थी। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के परिजनों की विदेश में मौजूद संपत्तियों की जांच जल्द नहीं होने पर सरकार नहीं चलने देने की धमकी दी थी।
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में पनामा पेपर्स के लीक दस्तावेजों में दुनियाभर के एक करोड़ से ज्यादा लोगों की गैर कानूनी संपत्तियों की जानकारी सामने आई थी। इसके मुताबिक शरीफ के दो बेटों और बेटी की ब्रिटेन में संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों का विवरण शरीफ ने चुनाव के वक्त अपनी पारिवारिक संपत्तियों में नहीं दिया था। इसके बाद विपक्ष के इस्तीफे की मांग को शांत करने के लिए उन्होंने अप्रैल में न्यायिक जांच आयोग के गठन का एलान किया था। उन्होंने विपक्ष पर राजनीतिक कारणों से अपने परिवार के सदस्यों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था।
हालांकि विपक्ष उनकी इस घोषणा से संतुष्ट नहीं हुआ था। जून में मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने चुनाव आयोग को एक याचिका दी थी। इसमें भी शरीफ को नेशनल असेंबली की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। इस पर आयोग ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है। दूसरी ओर, इमरान खान की पार्टी का कहना है कि उसके पास इस बात के पर्याप्त सुबूत हैं कि इस मामले में शरीफ ने संसद के भीतर और बाहर झूठ बोले हैं।
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