तारों के बीच मौजूद रिक्त स्थान का पता लगाएगा नासा
अंतरिक्ष की गहराई में नासा का अगला ‘CHESS’ मिशन तारों की दुनिया में होगा जो इन सितारों के बीच मौजूद खाली जगह और इनके निर्माण की शुरुआती चरणों का पता लगाएगी।
वाशिंगटन (आइएएनएस)। तारों के बीच मौजूद रिक्त स्थान के बारे में पता लगाने के लिए नासा ने ‘ CHESS (CHESS) मिशन’ की योजना बनायी है। यह मिशन 27 जून से शुरू होगी। नासा के इस मिशन से शोधकर्ताओं को तारों की संरचना और निर्माण की शुरुआती चरणों को समझने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि CHESS (Colorado High-resolution Echelle Stellar Spectrograph) एक रॉकेट पेलोड है जो ब्लैक ब्रांट IX रॉकेट पर उड़ान भरेगा। पिछले तीन सालों में CHESS पेलोड के लिए यह तीसरी उड़ान होगी जो मिशन का सबसे अधिक विस्तार वाला सर्वे होगा।
अंतरिक्ष की गहराई में तारों के बीच का स्थान खाली नहीं है। इनके बीच उदासीन अणुओं और परमाणुओं का झुंड है जिसके साथ प्लाज्मा पार्टिकल भी हैं जो लाखों साल में नए तारे या ग्रह का रूप लेते हैं। चेस रॉकेट मिशन का फोकस तारों के बीच मौजूद रिक्त स्थान होंगे जिससे तारों की संरचना के शुरुआती प्रक्रिया का पता चल सकेगा। उन रिक्त स्थानों से फिल्टर होने वाली रोशनी को CHESS के जरिए मापा जाएगा जिससे वहां मौजूद अणुओं और परमाणुओं का अध्ययन किया जा सकेगा और तारों के जीवन चक्र को समझने के लिए जानकारियां मुहैया होंगी।
CHESS के आंकड़ों द्वारा यह पता चलेगा कि अंतरिक्ष में कौन से अणु व परमाणु मौजूद हैं, उनके तापमान क्या हैं और वे कितनी तेजी से चक्कर काट रहे हैं। वैज्ञानिकों को इन आंकड़ों से यह पता चलेगा कि किस तरह तारों के बीच ‘क्लाउड’ का निर्माण होता है जिससे उन्हें पता चलेगा कि तारों की संरचना प्रक्रिया में इनकी भूमिका क्या होती है। CHESS कुल 16 मिनट के लिए ही उड़ान भरेगा। मात्र साढ़े 6 मिनट की उस उड़ान में सतह से 90 और 200 मील के फासले के बीच सर्वेक्षण किया जाएगा।
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