शरीफ से गुप्त समझौता करना चाहते थे मुशर्रफ
मुशर्रफ ने उनके साथ जैसा बर्ताव किया, अब वही उनके साथ हो रहा है। अब वे देश लौटना चाहते हैं, लेकिन लौट नहीं सकते।
इस्लामाबाद, प्रेट्र : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ 2007 में गुप्त समझौता करना चाहते थे। उन्होंने शरीफ को साझा सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था। खुद शरीफ ने मंगलवार को इसका पर्दाफाश किया। उल्लेखनीय है कि मुशर्रफ ने 1999 में शरीफ सरकार का तख्तापलट किया था। शरीफ और उनके परिवार को 10 साल के लिए देश निकाला दे दिया। शरीफ 2007 में दोबारा पाकिस्तान लौटकर आए थे।
अखबार डॉन के अनुसार शरीफ ने सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की संसदीय समिति की बैठक में इस वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि वे गुप्त समझौतों में यकीन नहीं करते। यही कारण है कि उन्हें हमेशा सफलता मिली है।
शरीफ ने कहा कि मुशर्रफ ने कई बार उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हर बार इन्कार किया। देश निकाला का जिक्र करते हुए कहा है कि मेरा परिवार देश छोड़कर जाना नहीं चाहता था । मैंने और मेरे परिवार ने बहुत बुरी हालत में देश छोड़ा। लंबे समय तक हमें यहां लौटने की इजाजत नहीं दी गई।
शरीफ ने कहा कि मुशर्रफ ने उनके साथ जैसा बर्ताव किया, अब वही उनके साथ हो रहा है। अब वे देश लौटना चाहते हैं, लेकिन लौट नहीं सकते। उल्लेखनीय है कि अदालत के आदेश के बाद मुशर्रफ को इलाज के लिए विदेश जाने की इजाजत मिली थी, लेकिन वे लौटकर वापस नहीं आए। उनके खिलाफ देश में कई मामले चल रहे हैं। शरीफ के इस बयान को मुशर्रफ के पूर्व सहयोगी अहमद रजा कसूरी ने खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा, मैंने लंबे समय तक जनरल मुशर्रफ के साथ काम किया है। मैंने कभी इस तरह की बात नहीं सुनी। 10 साल के देश निकाला की बात मानते हुए कसूरी ने कहा कि शरीफ 2007 में पाकिस्तान लौटकर आने की भीख मांग रहे थे।
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